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टंकारा का ये आह्वान नारी का सब करे सम्मान - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


महान समाज सुधारक, आर्य समाज के संस्थापक, युग प्रवर्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयंती महोत्सव में पूज्य संतों ने सहभाग कर अपनी-अपनी भावाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती केवल आर्य समाज के नहीं बल्कि पूरे भारत के हैं।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

टंकारा, गुजरात, 13 फरवरी। महान समाज सुधारक, आर्य समाज के संस्थापक, युग प्रवर्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयंती महोत्सव में पूज्य संतों ने सहभाग कर अपनी-अपनी भावाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती केवल आर्य समाज के नहीं बल्कि पूरे भारत के हैं। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने समाज के सभी क्षेत्रों में अद्भुत योगदान दिया और कुरीतियों को दूर के करने के लिये उन्होंने अपनी आवाज़ को बुलंद किया। उन्होंने कहा कि जो सत्य के अर्थ को प्रकाशित कर रहा है वही सत्यार्थ प्रकाश है। महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी को पुनर्जागरण युग का हिंदू मार्टिन लूथर कहा जाता है। उन्होंने संदेश दिया कि ‘वेदों की और लौटे’ और ‘भारत की प्रभुता को समझो’। उन्होंने समाज को अभिनव राष्ट्रवाद और धर्म सुधार के लिये तैयार किया। स्वामी दयानंद जी का मानना था कि व्यक्ति के जीवन का उद्देश्य लोगों के शारीरिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिये कार्य करना होना चाहिये। उन्होंने व्यक्तिगत उत्थान के स्थान पर सामूहिक उत्थान को अधिक महत्त्व दिया। सामाजिक कल्याण और सामूहिक उत्थान तभी संभव है जब व्यक्ति में सेवा और त्याग की भावना हो।

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