वरिषà¥à¤ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अधीकà¥à¤·à¤• पौड़ी गà¥à¤µà¤¾à¤² दलीप सिंह कà¥à¤à¤µà¤°, अपर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अधीकà¥à¤·à¤• पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª कà¥à¤®à¤¾à¤° राय दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मानवता वादी करà¥à¤® को करने के लिठसà¤à¥€ अधीनसà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
कोटदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ वरिषà¥à¤ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अधीकà¥à¤·à¤• पौड़ी गà¥à¤µà¤¾à¤² दलीप सिंह कà¥à¤à¤µà¤°, अपर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अधीकà¥à¤·à¤• पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª कà¥à¤®à¤¾à¤° राय दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मानवता वादी करà¥à¤® को करने के लिठसà¤à¥€ अधीनसà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया। के कà¥à¤°à¤® में CPU/यातायात कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° में नियà¥à¤•à¥à¤¤ उ0नि0 (वि0शà¥à¤°à¥‡0) कृपाल सिंह मय पà¥à¤²à¤¿à¤¸ करà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोतवाली कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¥à¤—त लगातार असहाय, गरीब व बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ो की सहायता की जा रही है। उ0नि0 (वि0शà¥à¤°à¥‡0) कृपाल सिंह को फोन पर सूचना मिली कि à¤à¤• बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— महिला काफ़ी समय से आम पड़ाव में घूम रही है, जो सही से अपना नाम पता नही बता पर रही है। इस सूचना पर उ0नि0 (वि0शà¥à¤°à¥‡0) कृपाल सिंह, कानà¥à¤¸0 सतपाल शरà¥à¤®à¤¾, कानà¥à¤¸0 चालक पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª कà¥à¤®à¤¾à¤°, होमगारà¥à¤¡ मोहमद जà¥à¤¨à¥‡à¤¦ à¤à¤µà¤‚ होमगारà¥à¤¡ पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤® सिंह के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मौक़े पर पहà¥à¤à¤š कर वृदà¥à¤§ महिला को पानी पिलाकर सांतà¥à¤µà¤¨à¤¾ देते हà¥à¤ वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª की गयी तो वृदà¥à¤§ महिला ने अपना नाम बजनी देवी निवासी कीमशेरा पौड़ी उमà¥à¤° लगà¤à¤— 80 वरà¥à¤· की थी। पà¥à¤²à¤¿à¤¸ टीम ने आस-पास के लोगों से वृदà¥à¤§ महिला को पहचानने के लिये कहा लेकिन कोई पहचान नहीं पा रहा था और वृदà¥à¤§ महिला की किसी à¤à¥€ थाने में गà¥à¤®à¤¶à¥à¤¦à¤—ी à¤à¥€ दरà¥à¤œ नहीं थी और अपने घर का सही पता नही बता पा रही थी। पà¥à¤²à¤¿à¤¸ करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपने-अपने सà¥à¤¤à¤° से इनके परिजनों को खोजने की कोशिश की और हर आने जाने वाले राहगीरों से बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— महिला की जानकारी की गयी तो à¤à¤• महिला शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ देवी ने बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— महिला को पहचान कर बताया ये उदयरामपà¥à¤° कलालघाटी कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° में रहती हैं। तो बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— महिला दà¥à¤ªà¤¾ बताया कि कलाल घाटी मेरा मायका है मेरे बेटे का नाम चंदà¥à¤° मोहन है। बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— महिला शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ बजनी देवी à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ देवी को सरकारी वाहन में बैठाकर महिला को उनके बेटे चंदà¥à¤° मोहन को उदयरामपà¥à¤° कलालघाटी में सकà¥à¤¶à¤² सà¥à¤ªà¥à¤°à¥à¤¦ किया गया। चनà¥à¤¦à¥à¤° मोहन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपनी मां को सकà¥à¤¶à¤² पाकर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के इस नेक कारà¥à¤¯ की à¤à¥‚रि-à¤à¥‚रि पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा कर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ जà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया।