परमारà¥à¤¥ निकेतन के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• पूजà¥à¤¯ महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤•à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज के 55 वें महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£ दिवस के अवसर पर आयोजित शà¥à¤°à¥€ रामचरित मानस का आज समापन हà¥à¤†à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने वेद मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ से पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥‚ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का पूजन किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
10 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, ऋषिकेश। परमारà¥à¤¥ निकेतन के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• पूजà¥à¤¯ महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤•à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज के 55 वें महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£ दिवस के अवसर पर आयोजित शà¥à¤°à¥€ रामचरित मानस का आज समापन हà¥à¤†à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने वेद मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ से पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥‚ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का पूजन किया। सà¤à¥€ साधकों, à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚, परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हà¥à¤¯à¥‡ वेद मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ से पूजà¥à¤¯ महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤•à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ का पूजन वंदन किया। पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤•à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी महाराज ने परमारà¥à¤¥ निकेेतन आशà¥à¤°à¤® की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ सन 1942व 43 में की थी तब से परमारà¥à¤¥ निकेतन आशà¥à¤°à¤® मानव सेवा हेतॠसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। यहां पर संत सेवा, गौ सेवा, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, संसà¥à¤•à¤¾à¤° और अनेक आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• गतिविधियां निरंतर चल रही है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में आशà¥à¤°à¤® में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾, पूजा, हवन, गंगा आरती, योग, धà¥à¤¯à¤¾à¤¨, सतà¥à¤¸à¤‚ग, वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨, कीरà¥à¤¤à¤¨ और अनà¥à¤¯ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• गतिविधियां पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ होती हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज के पावन मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ में अनेक सेवा कारà¥à¤¯ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो रहे हैं तथा à¤à¤¾à¤°à¤¤ सहित विशà¥à¤µ के अनेक देशों में परमारà¥à¤¥ निकेतन की खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ फैली और यहां पर अनेक वैशà¥à¤µà¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®, समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨, शिखरवारà¥à¤¤à¤¾à¤“ं का आयोजन किया जाने लगा। आज के समय मंे यह आशà¥à¤°à¤® अपनी आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•, सामाजिक और पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• गतिविधियों के कारण वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर चà¥à¤•à¤¾ है। यहां पर अति पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤‚थों से यà¥à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¤¾à¤²à¤¯ है जिसमें वेद, उपनिषदà¥, धरà¥à¤®, अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®, दरà¥à¤¶à¤¨, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और अनेक पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ और आधà¥à¤¨à¤¿à¤• शोधों पर आधारित गà¥à¤°à¤‚थ है। परमारà¥à¤¥ निकेतन में सरà¥à¤µà¤¸à¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ यà¥à¤•à¥à¤¤ छातà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¸ है जहां पर गरीब और अनाथ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को निःशà¥à¤²à¥à¤• शिकà¥à¤·à¤¾, आवास, à¤à¥‹à¤œà¤¨, चिकितà¥à¤¸à¤¾, संगीत और वेद अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कराया जाता है। साथ ही योग, संगीत, कमà¥à¤ªà¥à¤¯à¥‚टर और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ की à¤à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ दी जाती है।