चारधाम यात्रा मार्गों पर प्राकृतिक/अन्य आपदाओं से निपटने को लेकर जनपद टिहरी गढ़वाल क्षेत्र अन्तर्गत तीन स्थानों पर पूर्वाभ्यास (मॉक ड्रिल) किया गया।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
टिहरी/दिनांक 02 मई, 2024 चारधाम यात्रा से पूर्व गुरूवार को चारधाम यात्रा मार्गों पर प्राकृतिक/अन्य आपदाओं से निपटने को लेकर जनपद टिहरी गढ़वाल क्षेत्र अन्तर्गत तीन स्थानों पर पूर्वाभ्यास (मॉक ड्रिल) किया गया। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि आपदा प्रबन्धन विभाग के तत्वाधान में जनपद क्षेत्रान्तर्गत चारधाम यात्रा मार्गों यथा राष्ट्रीय राजमार्ग-94 चम्बा-उत्तरकाशी के स्थान-स्यांसू (किमी 110) में भूस्खलन, राष्ट्रीय राजमार्ग-94 चम्बा-उत्तरकाशी के स्थान-चम्बा धनौला पैट्रोल पम्प (किमी 60) में भूकम्प तथा राष्ट्रीय राजमार्ग-58 ऋषिकेश-कीर्तिनगर के स्थान-मूल्यगांव के समीप (किमी 304) में एक मिनी बस के अनियंत्रित होकर पलटने की घटना पर पूर्वाभ्यास किया गया। इस दौरान प्राकृतिक/अन्य आपदाओं के आने पर विभिन्न स्तरों पर सर्च एवं रेस्क्यू प्रबन्धन, राहत और बचाव कार्य, स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति, संचार साधनों की वास्तविक स्थिति, रिलीफ कैंपों की स्थिति, आर्मी तथा पुलिस बल की तैनाती, भीड़भाड़ तथा ट्रैफिक प्रबन्धन तथा विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय आदि को मॉक एक्सरसाइज कर परखा गया। पूर्वाभ्यास कराने का मकसद मॉक एक्सरसाइज के दौरान कहीं कोई दिक्कत या तकनीकी कमी आने पर उसको दूर करना है, ताकि यात्रा के दौरान किसी भी स्तर पर कोई कमी न रहे। पूर्वाभ्यास के तहत गुरुवार को- 1. राष्ट्रीय राजमार्ग-94 चम्बा-उत्तरकशी के स्थान-चम्बा धनौला पैट्रोल पम्प (किमी 60) इंसिडेंट कमांडर/एसडीएम टिहरी संदीप कुमार ने बताया कि डीईओसी टिहरी से प्रातः लगभग 10.5 बजे में भूकम्प (7.4 तीव्रता) की सूचना प्राप्त हुई। भूकम्प से एक बिल्डिंग के जमीं दोज होने की खबर मिली है तथा निवासरत लोगों का मलबे में दबे होने की सूचना है। स्टेजिंग ऐरिया-पुलिस लाईन चम्बा के मैदान में समस्त उपलब्ध संसाधनों सहित आईआरएस/खोज बचाओ टीम एकत्रित हुई। इंसिडेंट कमाण्डर द्वारा उपस्थित खोज-बचाव टीमों को घटना की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान कर टीमों/टीम लीडरों को मय एनडीआरएफ/ एसडीआरएफ/फायर/रेस्क्यू टीम/एम्बुलेंस/जेसीबी/विद्युत/जल संस्थान को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। मौके पर पुलिस टीम द्वारा यातायात को नियंत्रित किया गया। घटना स्थल पर मोबाइल नेटवर्क न होने पर सैटेलाईट फोन से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया गया। घटना स्थल पर पहुंचकर टीम कमांडर द्वारा घटनास्थल पर सेफ्टी जोन बनवाकर रैंकिंग की गई तथा खोज-बचाव टीमों द्वारा संसाधनों/ जेसीबी द्वारा खोज-बचाव कार्य कर मलबे में दबे हुए लोगों का रेस्क्यू किया गया।