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परमार्थ आरती के दौरान दिव्य चुनरी मनोरथ महोत्सव


परमार्थ निकेतन में माननीय राज्यपाल, त्रिपुरा श्री एन इंद्र सेना रेड्डी जी सपरिवार पधारे। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया और विश्व विख्यात गंगा जी की आरती में सहभाग किया।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ऋषिकेश, 8 मई। परमार्थ निकेतन में राज्यपाल, त्रिपुरा श्री एन इंद्र सेना रेड्डी जी सपरिवार पधारे। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया और विश्व विख्यात गंगा जी की आरती में सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों की एक विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत, भाषा और ऐतिहासिकतायें हैं। ये राज्य विविधता से युक्त समृद्ध राज्य हैं। उन्होंने अपनी सांस्कृतिक विविधताओं के साथ समुदायों की ऐतिहासिकताओं और प्रथाओं को जीवंत बनाये रखा है। चाहे हम त्योहारों की बात करंे या प्राचीन परंपराओं की या फिर उनकी पोशाकों की वे प्रत्येक संस्कृति, जीवन मूल्यों और मान्यताओं का एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। उन्होंने विविधताओं को संरक्षित कर भविष्य की पीढ़ियों के लिये इन सांस्कृतिक विरासतों को सुरक्षित रखा है। स्वामी जी ने कहा कि जब हम अपनी विविधता को स्वीकार कर लेते हैं तो सामाजिक एकता और समावेशिता को बढ़ावा मिलता है। साथ ही विभिन्नताओं के बीच एकता की भावना को प्रोत्साहन मिलता है। इससे आपस में सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की भावना विकसित होती है जो हमें एक मजबूत, एकजुट राष्ट्र के निर्माण में योगदान देती है। स्वामी ने कहा कि विविधता की संस्कृति को सही मायने में समझने के लिये हमें पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति को समझना होगा। वास्तव में विविधता की अद्वितीय सांस्कृतिक विरासतों का उत्सव पूर्वोत्तर राज्यों में मनाया जाता है ताकि सामाजिक एकता को बढ़ावा मिले, सामंजस्यपूर्ण एवं समृद्ध समाज का मार्ग प्रशस्त हो सके।

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