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परमार्थ गंगा तट महाराणा प्रताप की जयंती पर नमन व श्रद्धाजंलि


प्रातःकाल स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में माननीय राज्यपाल त्रिपुरा व परिवार जनों ने माँ लक्ष्मी का पूजन कर परमार्थ निकेतन में आयोजित विशाल भंडारा में सभी को अपने हाथों से भोजन परोसा।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ऋषिकेश, 9 मई। राज्यपाल, त्रिपुरा एन इंद्र सेना रेड्डी, रेड्डी, परिवारजनों व ईष्टमित्रों ने रात्रि विश्राम परमार्थ निकेतन के दिव्य वातावरण में किया। आज प्रातःकाल स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में माननीय राज्यपाल त्रिपुरा व परिवार जनों ने माँ लक्ष्मी का पूजन कर परमार्थ निकेतन में आयोजित विशाल भंडारा में सभी को अपने हाथों से भोजन परोसा। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन के इस सात्विक वातावरण में गीता पाठ करते हुये भोजन करने का अपना ही आनंद है। स्वामी जी और माननीय राज्यपाली श्री एन इंद्र सेना रेड्डी जी ने श्री सीताराम मोर जी की 50 वीं वैवाहिक वर्षगांठ पर रूद्राक्ष का पौधा व रूद्रक्ष की माला भेंट की। श्री सीताराम जी ने स्वामी जी की प्रेरणा से 50 वीं वर्षगांठ पर 50 स्थानों पर सौ-सौ पौधों का रोपण करने का संकल्प किया। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन वास्तव में एक अद्भुत प्लेटफार्म है जहां पर भारत सहित विश्व से आने वाले श्रद्धालु संस्कार, संस्कृति के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी लेकर जाते हैं। स्वामी जी ने गंगा जी का दर्शन व स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं का आह्वान करते हुये कहा कि माँ गंगा के तट से अपने जीवन का अपना-अपना आडिट करने का व आत्मनिरिक्षण का संकल्प लेकर जाये कि मैं कहां पर खड़ा हूँ और मेरा जीवन किस ओर जा रहा है। जो अपने भीतर घट रहा है उसे देखे, प्रभु से प्रार्थना करे और प्रतिदिन ध्यान करे यही तो जीवन है। भंडारा में भोजन परोसते हुये स्वामी ने सभी को पत्ते की पत्तल या थाली में भोजन करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भंडारों में प्लास्टिक या थर्माकोल की प्लेट्स का उपयोग न करे क्योंकि इससे पर्यावरण को नुकसान होता है।

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