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पंजाब यूनिवर्सिटी के बाबा बलराज कांस्टीट्यूएंट कॉलेज बलाचौर के द्वारा आयोजित किया गया एक दिवसीय वेबीनार


प्रिंसिपल डॉक्टर सुनील खोसला के निर्देशन में बाबा बलराज पंजाब यूनिवर्सिटी कांस्टीट्यूएंट कॉलेज बलाचौर एवं भारतीय शिक्षण मंडल पंजाब के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का सफल आयोजन किया गया, इस वेबीनार का विषय था।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

आज दिनांक 14 जुलाई 2020 को प्रिंसिपल डॉक्टर सुनील खोसला के निर्देशन में बाबा बलराज पंजाब यूनिवर्सिटी कांस्टीट्यूएंट कॉलेज बलाचौर एवं भारतीय शिक्षण मंडल पंजाब के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का सफल आयोजन किया गया, इस वेबीनार का विषय था " महामारी के बीच चीनी आक्रमकता : भारत के लिए एक उभरती हुई सुरक्षा चिंता" (Chines Aggression Amid Pandemic : An Emerging security concern for India ). इसमें वेबीनार में मुख्य संरक्षक के रूप में भूमिका निभाई पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के माननीय कुलपति प्रोफेसर राजकुमार जी ने इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज का ज्वलंत विषय महामारी के बीच चीनी आक्रामकता: भारत के लिए एक उभरती हुई सुरक्षा चिंता, एक बहुत ही विचारणीय प्रश्न और अपनी सार्थकता को स्वयं सिद्ध करता है, साथ ही उन्होंने कहा कि इस अवसर पर इस प्रकार के आयोजन निश्चित रूप से हमें प्रेरणा देने का काम करते हैं, जिससे हम देश भक्ति के मार्ग पर चलते हुए, अपने जीवन में देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकते. उन्होंने कॉलेज की तारीफ करते हुए कहा कि कॉलेज में इस प्रकार का आयोजन हमेशा से होते रहे है, और मेरा पूरा सहयोग कॉलेज की प्रगति के लिए रहेगा. साथ ही उन्होंने इस वेबीनार के मुख्य वक्ता प्रभु कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी का भी धन्यवाद दिया उन्होंने हमारे संस्थान से जुड़ने के लिए अपना कीमती समय निकाला. इस वेबीनार मे मुख्य वक्ता के रूप प्रमुख भूमिका निभाई हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के माननीय कुलपति प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी ने इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पंजाब प्रांत का यह बलाचौर और इसके आसपास का का इलाका गुज्जर समुदाय से संबंधित है जिन्होंने 11वीं12 वीं सदी में मोहम्मद गजनवी के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने बताया कि किसी भी स्थान का अपना विशेष महत्व होता है यह स्थान भी बाबा बलराज का हमेशा ऋणी रहा है क्योंकि उन्होंने आध्यात्मिक और व्यक्तिगत उन्नति करने के लिए इस क्षेत्र के लोगों को हमेशा प्रेरणा दी. वेबीनार के जलन विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज हमें चुनौती अपने पड़ोसी पाकिस्तान और चीन दोनों से, चीन एवं भारत के दरमियान जो वर्तमान में विवाद चल रहा है चीन की लंबी राजनीति का एक हिस्सा है, चीन कभी भी हमारा पड़ोसी मुल्क नहीं रहा है, तिब्बत पर कब्जा करने के बाद, तिब्बत की जो सीमा है वही अब चीन की सीमा के रूप में हमारे सामने, जो लगभग 4000 किलोमीटर है, चीन से कोई समझौता करने से पहले हमें उसके मनोविज्ञान को समझना होगा, चीन के दिमाग में "मिडल किंग्डम सिंड्रोम" भरा हुआ है, जो पूरे विश्व को अपना गुलाम बना कर अपने आपको पूरे विश्व की राजधानी के रूप में देखता है, और चीन से विवाद का मुख्य कारण भी उसकी विस्तार वादी नीति ही है, जो धीरे-धीरे अपने पड़ोसी मुल्कों की जमीन हथियाने मैं लगा हुआ है, कराकोरम दरें से वह आधी दुनिया में कब्जा करना चाहता है, जब तक हम भारत को शक्तिशाली नहीं बनाते तब तक चीन के साथ किसी प्रकार से भी शांति स्थापित नहीं हो सकती, उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हमें सरकार की नीतियों और सेना पर कोई ऐसी टीका टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जिससे पड़ोसी शत्रु देशों को कोई उत्साह मिले, इस समय हमारे भारत देश के प्रत्येक राजनीतिक दल को आगे आकर एक स्वर में सरकार और सेना का साथ देना होगा, कुछ एक राजनीतिक पार्टियों को छोड़कर बाकी पूरा विपक्ष एकजुट होकर सेना और सरकार के साथ आज भी खड़ा है, यही कारण है कि चाइना को अपने कदम पीछे हटाने पड़ रहे हैं, हमें आर्थिक, सामरिक, एवं सामाजिक सभी दृष्टि अपने आपको सक्षम बनाना होगा, तभी हम वर्तमान की चुनौतियों से लड़ने में सक्षम हो सकते, उन्होंने यह भी कहा कि 1947 के बाद हमने कभी भी गिलगित बालटिस्तान की बात नहीं की जो दुर्भाग्यपूर्ण है और ना ही बॉर्डर एरिया पर अपना किसी प्रकार का कोई ढांचा खड़ा करने की कोशिश की, जोकि बहुत जरूरी था, आज भारत जब यह सब कुछ कर रहा है तो चीन हमें आंख दिखा रहा है, जिसकी हमें कोई परवाह नहीं करनी चाहिए, अभी तो मजबूती के साथ अपने इरादों को आगे बढ़ाते हुए अपने रोड और निर्माण के अन्य कार्य आगे बढ़ाते रहना चाहिए, ताकि समय आने पर हमें किसी प्रकार की मुसीबत का सामना ना करना पड़े, साथ ही उन्होंने इस अवसर पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ खोसला के बहुत-बहुत धन्यवाद दिया जिन्होंने इस ज्वलंत विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार संगोष्ठी का आयोजन कराया. इस वेबीनार में सम्माननीय अतिथि के रूप में भारतीय शिक्षण मंडल पंजाब के सह संयोजक संजीव दुग्गल ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान की शिक्षा पद्धति भारतीय संस्कृति के अनुकूल होनी चाहिए, और हमें राष्ट्र निर्माण अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी, हमें स्वदेशी चीजों का अत्यधिक प्रयोग करना होगा, ताकि भारत विश्व शक्ति के अपने आप को फिर से स्थापित कर सके, इस अवसर पर हुए कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल पंजाब प्रांत में ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष में भारतीय संस्कृति के अनुकूल शिक्षा पद्धति बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है, पंजाब प्रांत में भी भारतीय शिक्षा मंडल अपने स्तर पर बहुत प्रगति कर रहा है शिक्षा क्षेत्र में, जिसमें छात्रों, शोधकर्ताओं एवं अध्यापकों सभी का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जाता है, हेमवती केन्द्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल से प्रोफेसर एम. एम सेमवाल भी वेबिनार में शामिल रहे इस वेबीनार में पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के डी. सी. डी. सी. प्रोफेसर संजय कौशिक ने कहां की, ज्वलंत विषय पर जो आज वेबीनार आयोजित हो रहा है यह कॉलेज के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है, साथ ही उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी ने बहुत ही उत्कृष्ट प्रकार के विचार इस वेबीनार में प्रस्तुत प्रस्तुत किए, प्रोफेसर अग्निहोत्री जी का सहयोग अब मार्गदर्शन हमेशा से जीवन में रहा है और जब भी उनकी आवश्यकता पड़ी है वह हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे. उन्होंने कहा कि कॉलेज में मात्र 9 वर्षों में बहुत बड़ी प्रगति की है, और यह कॉलेज हमेशा प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी रहा है, साथ ही उन्होंने कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ सुनील खोसला का भी बहुत-बहुत धन्यवाद दिया जिन्होंने इतने ज्वलंत विषय को चुना, साथ ही उन्होंने सभी से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने और स्वदेशी वस्तुओं को प्रोत्साहन देने की भी बात कही. इस वेबीनार के आयोजन सचिव के रूप में डॉ हरि कृष्ण जी ने इस वेबीनार में शामिल होने वाले सभी मेहमानों का परिचय कराया तथा विगत वर्षों में कॉलेज की उपलब्धियों का विवरण भी प्रस्तुत किया. आयोजन समिति के सदस्यों में सहायक प्रोफेसर रूबी, सहायक प्रोफेसर डॉक्टर कमलप्रीत कौर, सहायक प्रोफेसर रमन हार, सहायक प्रोफेसर दीपक ने भी प्रमुख भूमिका निभाई।

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