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उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो0 डा0 सुनील कुमार जोशी का शानदार स्वागत किया गया।


उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो0 डा0 सुनील कुमार जोशी का शानदार स्वागत किया गया। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर विश्व विख्यात मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ प्रबुध शिक्षा विद प्रो0 डा0 सुनील कुमार जोशी को माहमहिम राज्यपाल महोदया श्रीमती बोबीरानी उत्तराखण्ड शासन द्वारा तीन वर्ष हेतु मनोनीत किया गया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो0 डा0 सुनील कुमार जोशी का शानदार स्वागत किया गया। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर विश्व विख्यात मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ प्रबुध शिक्षा विद प्रो0 डा0 सुनील कुमार जोशी को माहमहिम राज्यपाल महोदया श्रीमती बोबीरानी उत्तराखण्ड शासन द्वारा तीन वर्ष हेतु मनोनीत किया गया। प्रो0 डा0 सुनील कुमार जोशी के कुलपति बनने पर समस्त आयुर्वेद परिवार ऋषिकुल, गुरूकुल एवं मुख्य परिसर के सभी चिकित्सकों, शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर दौड गई। ऋषिकुल स्नातक/परास्नातक परिषद में प्रो0 डा0 सुनील कुमार जोशी के कुलपति बनने पर उनका स्वागत अभिनन्दन किया। स्नातक परिषद के अध्यक्ष डा0 देवेन्द्र चमोली ने कहा कि उत्तराखण्ड में आयुर्वेद विभाग अब दिन दुगनी रात चैगनी उन्नति करेगा, क्योंकि अब उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की बागडोर ऐसे व्यक्तित्व पर है जिन्होने आयुर्वेद की पताकाए देश विदेशों में फहराई है। स्नातक परिषद के उपाध्यक्ष डा0 नरेश चैधरी ने कहा कि प्रो0 डा0 सुनील कुमार जोशी चिकित्सा एवं आयुर्वेद शिक्षा में तो विश्व प्रसिद्ध है ही इसी के साथ वे आयुर्वेद जगत से जुडे सभी के लोकप्रिय भी है, उनकी कार्यशैली की सबसे बडी विशेषताएं वर्तमान युग में पार दर्शिता (जीरों टोलरेन्स), निष्पक्षता, कर्मठता, कार्याे के प्रति समर्पण भावना एवं तुरन्त निर्णय लेने की क्षमता आदि है। डा0 चैधरी ने कहा कि प्रो0 डा0 जोशी ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय से स्नातक रहें तथा बी0एच0यू0 से परास्नातक उपाधि प्राप्त करने के बाद राजकीय सेवा मेें विभिन्न पदों पर अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए आज उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के शिखर पद पर पहॅूचें है, ये ही उनकी कडी मेहनत का फल है कि जिस संस्था के छात्र रहे है आज उसी संस्था के सर्वोच्य पद पर विराजमान है। इसी अवसर पर प्रो0 डा0 जोशी ने कहा कि मेरा सभी को साथ लेकर आयुर्वेद विभाग को सम्पूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान बनाने का दृढ संकल्प है। साथ ही साथ आयुर्वेद विभाग में नये नये अनुसंधान कराना मेरी मुख्य प्राथमिकता रहेगी। प्रो0 डा0 जोशी ने कहा कि करोना जैसी महामरी के लिये आयुर्वेद अनुसंधान कर, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने की ओर अग्रसर है। आगामी कुम्भ में भी आयुर्वेद विभाग की संक्रिय सहभागिता की जायेगी। इस अवसर पर स्नातक परिषद के संरक्षक डा0 रवि वेदी, डा0 विनोद शर्मा, स्नातक परिषद के सचिव, डा0 उदय नारायण पाण्डेय, परिसर निदेशक, प्रो0 डा0 अनूप कुमार गक्खड, प्रो0 डा0 अरूण कुमार त्रिपाठी, प्रो0 डा0 आर0 बी0 सती, स्नातक परिषद के वरिष्ठ सदस्य डा0 अशोक पोलिवाल, डा0 रमेश गोयल, डा0 टी0 के गर्ग, डा0 श्रवण कुमार त्रिपाठी, डा0 चन्द्रधर काला, डा0 प्रेम सतलेवाल, डा0 विनीत अग्निहोत्री, डा0 प्रमोद कपूर, डा0 हर्षवर्धन, एवं डा0 ओ0पी0 सिंह, श्रीमती मंजू पाण्डेय, अनिल सिंह नेगी, दिलवर सिंह सतकारी, सुदामा जोशी, जसपाल सिंह नेगी, कु0 सकुन्तला वर्मा, समीर पाण्डेय, खीमानन्द भट्ट, शिवनारायण, छत्रपाल सिंह एवं समस्त ऋषिकुल परिवार ने स्वागत किया ।

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