कोरोना वायरस कोविड-19 के कारण जनपद में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का वृहत सà¥à¤¤à¤° पर आगमन हà¥à¤† है। पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤œà¥‹à¤—र से जोड़ने के लिठउनà¥à¤¨à¤¤ और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ कृषि, पशà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤¨ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ à¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
टिहरी गà¥à¤µà¤¾à¤² 19 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2020-कोरोना वायरस कोविड-19 के कारण जनपद में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का वृहत सà¥à¤¤à¤° पर आगमन हà¥à¤† है। पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤œà¥‹à¤—र से जोड़ने के लिठउनà¥à¤¨à¤¤ और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ कृषि, पशà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤¨ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ à¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• है। ताकि कम समय और कम लागत में अधिक उपज पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सके। इसी के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—त जिलाधिकारी मंगेश घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤² निरंतर à¤à¤¸à¥€ संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का जायजा लेकर धरातल पर उतारने का कारà¥à¤¯ कर रहे है। रविवार को जिलाधिकारी ने रानीचौरी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ वानिकी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का निरीकà¥à¤·à¤£ कर काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के हितों से जà¥à¥œà¥€ कृषि, उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨, पशà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤¨, मतà¥à¤¸à¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤²à¤¨ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ की तमाम उनà¥à¤¨à¤¤ तकनीकों à¤à¤µà¤‚ संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का जायजा लिया। जिसमे मृदा परीकà¥à¤·à¤£ लैब, पà¥à¤²à¤¾à¤‚ट हेलà¥à¤¥ कà¥à¤²à¥€à¤¨à¤¿à¤•, मशरूम यूनिट, फ़ूड पà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥‡à¤¸à¤¿à¤‚ग यूनिट, हरà¥à¤¬à¤² पà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥‡à¤¸à¤¿à¤‚ग इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ शामिल है। निरीकà¥à¤·à¤£ के दौरान जिलाधिकारी ने कहा की जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ व पारंपरिक काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को उनà¥à¤¨à¤¤ पà¥à¤°à¤¸à¤‚करित बीज व तकनीक को उपलबà¥à¤§ कराना है, जिसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ काम समय और लागत में मिनिमम इनपà¥à¤Ÿ और मैकà¥à¤¸à¤¿à¤®à¤® आउटपà¥à¤Ÿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना है। ताकि काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ से जà¥à¥œ रहे पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को कम समय में अधिक आरà¥à¤¥à¤¿à¤• लाठमिल सके। इसके लिठसà¤à¥€ लाइन डिपारà¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट को विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के साथ समवय सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिठहै। इस दौरान जिलाधिकारी ने विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ व संबंधित लाइन डिपारà¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट के आपसी समनà¥à¤µà¤¯ से कानाताल सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ में फà¥à¤°à¥‚ट नरà¥à¤¸à¤°à¥€ विकसित करने, काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤¤à¤° पर सेब के उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ का à¤à¤• मॉडल पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करने, टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ को और अधिक विकसित करने, हरà¥à¤¬à¤² पà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥‡à¤¸à¤°à¤¿à¤‚ग यूनिट, फ़ूड पà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥‡à¤¸à¤¿à¤‚ग यूनिट जैसी तमाम तकनीकों के à¤à¤°à¤ªà¥‚र उपयोग और संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को मूरà¥à¤¤à¤°à¥‚प दिठजाने पर बल दिया। इस अवसर पर डीन वानिकी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° वीपी खंडूरी, निदेशक शोध डॉ कौशल, निदेशक पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° डॉ अरविंद बिजलà¥à¤µà¤¾à¤£, डॉकà¥à¤Ÿà¤° आलोक, डॉकà¥à¤Ÿà¤° à¤à¤¸à¤ªà¥€ सती, डॉकà¥à¤Ÿà¤° अमोल वशिषà¥à¤ , डॉकà¥à¤Ÿà¤° कीरà¥à¤¤à¤¿ आदि उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।