गà¥à¤°à¥‚वार को हरियाली तीज है। सà¥à¤¹à¤¾à¤—िन महिलाà¤à¤‚ और नव विवाहिताà¤à¤‚ निरà¥à¤œà¤²à¤¾ वà¥à¤°à¤¤ रखेंगी। गीत और मलà¥à¤¹à¤¾à¤° गाकर महिलाà¤à¤‚ à¤à¥‚लेंगी।कोरोना संकà¥à¤°à¤®à¤£ अà¤à¥€ रूका नहीं है।इस बार समूह कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित नहीं होंगे लेकिन ऑनलाइन कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किठजाने की तैयारी हैं।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
गà¥à¤°à¥‚वार को हरियाली तीज है। सà¥à¤¹à¤¾à¤—िन महिलाà¤à¤‚ और नव विवाहिताà¤à¤‚ निरà¥à¤œà¤²à¤¾ वà¥à¤°à¤¤ रखेंगी। गीत और मलà¥à¤¹à¤¾à¤° गाकर महिलाà¤à¤‚ à¤à¥‚लेंगी।कोरोना संकà¥à¤°à¤®à¤£ अà¤à¥€ रूका नहीं है।इस बार समूह कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित नहीं होंगे लेकिन ऑनलाइन कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किठजाने की तैयारी हैं। मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ के à¤à¤—वान शंकर को पाने के लिठतपसà¥à¤¯à¤¾ की थी। पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होकर शिवजी ने हरियाली तीज के दिन ही पारà¥à¤µà¤¤à¥€ को पति के रूप में सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया था इसलिठशाम के समय à¤à¤—वान शिव और माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ के पूजन के बाद चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ की पूजा की जाती है।तीज के दिन महिलाà¤à¤‚ निरà¥à¤œà¤²à¤¾ वà¥à¤°à¤¤ रखती हैं लेकिन घर पर घेवर जलेबी इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ बनाठजाते हैं।ये है पूजा की विधि।सà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने के बाद वà¥à¤°à¤¤ का संकलà¥à¤ª लेना चाहिठसबसे पहले घर के मंदिर में जो मूरà¥à¤¤à¤¿ हैं,उनकी पूजा की जाती है।शंकर à¤à¤—वान और माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ की पूजा की जाती है। इनको तिलक लगाà¤à¤‚ और फल फूल अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करें।फिर माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ को सà¥à¤¹à¤¾à¤— की सामगà¥à¤°à¥€ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करें।इसके बाद à¤à¤—वान शिव को बेलपतà¥à¤° और पीले वसà¥à¤¤à¥à¤° चढ़ाà¤à¤‚।तीज की कथा पढ़ने या सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के बाद आरती करें।अगले दिन ही सà¥à¤¬à¤¹ माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ को सिंदूर अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर à¤à¥‹à¤— लगाà¤à¤‚। पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ गà¥à¤°à¤¹à¤£ के बाद वà¥à¤°à¤¤ का पारण करें।