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तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "आयुर्धन 2024" का समापन


आयुर्वेद में अस्थमा, गठिया, मधुमेह, कैंसर जैसी कई पुरानी असाध्य बीमारियों का उपचार करने की अद्भुत क्षमता : स्वामी रामदेव

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 29 अक्टूबर। पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन और पतंजलि विश्वविद्यालय के सहयोग तथा भारत सरकार के आयुष मंत्रलय द्वारा आयुर्स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत "आयुर्धन 2024 : स्वस्थ भविष्य के लिए आयुर्वेद, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के सामंजस्य पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन" विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं धन्वंतरि वंदना से किया गया। सम्मेलन में योगऋषि स्वामी रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद में अस्थमा, गठिया, मधुमेह, कैंसर जैसी कई पुरानी असाध्य बीमारियों का उपचार करने की अद्भुत क्षमता है जिनका आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में उपचार संभव नहीं है। कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमारे ऋषियों ने हमें विभिन्न पर्वों का संयोजन प्रदान करके स्वस्थ भविष्य के लिए आयुर्वेद प्रौद्योगिकी के प्रति अग्रसर किया है। भारतीय चिकित्सा ग्रंथों में भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता माना गया है। वह समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के साथ ही औषधि पुस्तक लेकर आए थे जिसमें सभी प्रकार के रोग-व्याधियों के उपचार का वर्णन है। आचार्य जी ने आयुर्वेद के विस्तार एवं उन्नति की संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में लूट के षडयंत्र का समाधान आयुर्वेद के रूप में पतंजलि ने खोजा है। सम्मेलन में मुख्य अतिथि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून के कुलपति प्रो. (डॉ.) अरुण ने आयुर्वेद में गुणवत्तापूर्ण शोध एवं विशिष्ट कार्यों के उन्नयन में आधुनिक तकनीकी एवं अनुभवी शोधकर्ताओं को आवश्यकता पर बल देते हुए नवाचार के निर्माण की बात कही। अथ आयुर्वेद, गुरुग्राम के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. परमेश्वर अरोड़ा ने मधुमेह नियंत्रण एवं मुक्ति संबंधित आयुर्वेदिक विवेचना की व्याख्या प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्राचीन ज्ञान को आधुनिक ज्ञान से जोड़कर ही सम्पूर्ण कल्याण संभव है।

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