आज़ादी अà¤à¥€ अधूरी है, सपने सच होने बाकी है । नूतन कि बेला न पूरी है, आज़ादी अà¤à¥€ अधूरी है।
रिपोर्ट - राजीव सिंह
यह पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ अपने आप में बहà¥à¤¤ कà¥à¤› कहती है, हमें समà¤à¤¨à¥‡ की जरूरत है कि हमारी आजादी कà¥à¤¯à¤¾ सच में अधूरी है, मैं जब अपनी नजरों से देखता हूं अपने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· के नकà¥à¤¶à¥‡ को तो बस देखते रहने का मन करता है मन करता है इसमें डूब जाऊं कितनी खूबसूरत हमारी à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता जितनी खूबसूरत हमारी à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚मि, उतना ही खूबसूरत हमारी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, हमारे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, हमारी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ न जाने कितने हमले हà¥à¤ हमारी à¤à¤¾à¤°à¤¤ मां पर, न जाने कितनी बार हमें लूटा गया कà¤à¥€ मà¥à¤—लों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तो कà¤à¥€ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ फिर à¤à¥€ हमारा वजूद है कि खतà¥à¤® होने का नाम ही नहीं लेता, आखिर कà¥à¤¯à¤¾ है ? जिसे कोई मिटा नहीं सकता, जिसे कोई हरा नहीं सकता और जिसे कोई थका नहीं सकता। तो मैं समà¤à¤¤à¤¾ हूं कि वह हमारी à¤à¤¾à¤°à¤¤ मां कि मिटà¥à¤Ÿà¥€ है जो, न हारने का नाम लेती है, ना थकने का और ना ही à¤à¥à¤•à¤¨à¥‡ का । वह दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ से बार-बार कहती है कि, तà¥à¤® जितने हमले करोगे जितने अंगारे बरसा ओग, उतना जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हम मजबूत होंगे , हमारे बचà¥à¤šà¥‡ मजबूत होंगे , हमारी आने वाली पीढ़ियां मजबूत होंगी और तà¥à¤® देखते रह जाओगे , सोचते रह जाओगे कि, आखिर कैसी हसà¥à¤¤à¥€ है à¤à¤¾à¤°à¤¤ की जो मिटने का नाम हिं नहीं लेती । मैं कहता हूं यदि à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· को समà¤à¤¨à¤¾ है तो हमारे साथ बिहार चलिठहिंदी के बिहार नहीं , अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के BIHAR चलिà¤à¥¤ जहां बिहार का B" कहता है कि मैं à¤à¤¾à¤°à¤¤ हूं, बिहार का I" कहता है कि, मैं इंडिया हूं, बिहार का H" कहता है कि, मैं हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ हूं, बिहार का A" आता है कि, मैं आरà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¥à¤¤ हूं, और बिहार का R" कहता है कि, मैं रिवा हूं। सच कहूं तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· बिहार में ही बसता है । जिसने न जाने कितने महापà¥à¥à¤·à¥‹à¤‚ को जनà¥à¤® दिया जैसे- महान गणितजà¥à¤ž आरà¥à¤¯à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ, रामायण के लेखक महरà¥à¤·à¤¿ वालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿, शेरशाह, कà¥à¤‚वर सिंह, समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ अशोक, जयपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ नारायण, à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¥à¤® राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ राजेंदà¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ आदि महान राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने यहीं, इसी मिटà¥à¤Ÿà¥€ पर पले- बढ़े और इसी मिटà¥à¤Ÿà¥€ को आजाद कराने में अपने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ की बाजी लगा दी उसके बाद à¤à¥€ आज मैं यह कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कहता हूं कि, आजादी अà¤à¥€ अधूरी है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि, इसी आशा और अपेकà¥à¤·à¤¾ के साथ महान सपूतों ने अपनी जान गवाई की शायद हमारे जाने के बाद हमारी आने वाली पीढ़ी खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² रहेगी और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ मिलेगा। सचà¥à¤šà¥‡ अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में जैसी आजादी की परिकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ वह करके गठवह आजादी अà¤à¥€ तक आई नहीं है, वह कैसा देश चाहते थे , यह हमें तà¤à¥€ मालूम पड़ेगा जब हम उनके जीवन को पढ़ेंगे, उनके जीवन को समà¤à¥‡à¤‚गे, और उनके जीवन को जिà¤à¤‚गे। और यह सà¤à¥€ चीजें हम बड़ी-बड़ी गाड़ियों, à¤à¤¸à¥€ में बैठकर नहीं महसूस कर सकते हैं नहीं जी सकते हैं, जैसी आजादी महातà¥à¤®à¤¾ गांधी चाहतेे थे, à¤à¤—त सिंह जाते थे, चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र आजाद चाहते थे । तो हमें कà¥à¤¯à¤¾ करना होगा हमें वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में घट रही घटनाओं को बड़े ही बारीकी से, बड़े गौर से देखना होगा, समà¤à¤¨à¤¾ होगा और उसका सही समाधान करना होगा उसके लिठलड़ाई à¤à¥€ लड़नी होगी वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ की कौन सी घटनाà¤à¤‚ हमें सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ की है। 2020 , जनवरी से लेकर और अगसà¥à¤¤ तक की यातà¥à¤°à¤¾ को देखेंगे तो पाà¤à¤‚गे कि पूरा वरà¥à¤·, हर à¤à¤• दिन चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€à¤ªà¥‚रà¥à¤£ और सीख à¤à¤°à¤¾ रहा है अब हमें सोचना है कि हम इस चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ को कितना सही तरीके से समठपाठहैं और आगे बढ़ पाà¤à¤‚ है, चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€à¤ªà¥‚रà¥à¤£ यातà¥à¤°à¤¾ में दो सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ घटना है जो 2020 में घटी है उस पर हम संकà¥à¤·à¥‡à¤ª में बात करेंगे पहली घटना कोविड-19 हम सà¤à¥€ जानते हैं कि कोविड-19 की वजह से पूरा देश ही नहीं पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ परेशान रही इस पर à¤à¥€ हमें सोचने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है कि आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? यह महामारी देखते ही देखते पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में पांव पसार गया, आखिर कौन है इसका जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° जब विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से हम इसको सोचते हैं और समà¤à¤¨à¥‡ की कोशिश करते हैं तो अंत में यही पाते हैं कि कोई पशà¥-पकà¥à¤·à¥€ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ मनà¥à¤·à¥à¤¯ ही है इसका जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°, और दूसरी घटना जो 14 जून 2020 को घटित हà¥à¤ˆ, सà¥à¤¶à¤¾à¤‚त सिंह राजपूत की मृतà¥à¤¯à¥ संदिगà¥à¤§ तरीके से हो जाती है शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ दिनों में तो लगता है कि यह à¤à¤• आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ है लेकिन जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ते हैं हर रोज इसमें नया टà¥à¤µà¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ आता है और फिर लगता है की यह आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ कà¥à¤› और ही है जिसका पता लगाना तो हमारी जांच à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों का काम है , परंतॠइस घटना ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· की कानूनी गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ को उजागर कर दिया जीसे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· की 130 करोड़ जनसंखà¥à¤¯à¤¾ ने सà¥à¤¨à¤¾ और देखा ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ महसूस à¤à¥€ किया कि हम कानूनी रूप से आज à¤à¥€ आजाद नहीं है हमारी पà¥à¤²à¤¿à¤¸ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ आज à¤à¥€ नेताओं की गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ कर रहे हैं, मैं उस कानूनी दांव पेंच में नहीं जाना चाहता, आप सà¤à¥€ ने à¤à¤²à¥€-à¤à¤¾à¤‚ति इस घटना को महसूस किया है। इसीलिठहम कहते हैं कि, आजादी अà¤à¥€ अधूरी है , सपने सच होने बाकी है। नूतन की बेला न पूरी है, आजादी अà¤à¥€ अधूरी है।