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नैम्स्त्रदम ने भविष्यवाणी की थी कि तृतीय विश्व युद्ध चीन और पाकिस्तान से शुरू हो कर गंगा के तट पर खत्म होगा।


सोलहवीं सदी के फ्रांस के भविष्य वक्ता श्री नैम्स्त्रदम ने भविष्यवाणी की थी कि तृतीय विश्व युद्ध चीन और पाकिस्तान से शुरू हो कर गंगा के तट पर खत्म होगा। विश्व में बाढ और महामारी का फैलाव होगा।

रिपोर्ट  - à¤­à¤°à¤¤ झुनझुनवाला

सोलहवीं सदी के फ्रांस के भविष्य वक्ता श्री नैम्स्त्रदम ने भविष्यवाणी की थी कि तृतीय विश्व युद्ध चीन और पाकिस्तान से शुरू हो कर गंगा के तट पर खत्म होगा। विश्व में बाढ और महामारी का फैलाव होगा। वर्तमान के हालात को देखते हुये यह सिद्ध होता दिख रहा है। करोना चीन से चलकर इटली और फ्राँस होता हुआ भारत पहुँच गया है।इसने भारी तबाही मचा रखी है। प्रतिदिन मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। वैक्सीन बनाना कठिन होता जा रहा है। यदि हम इसे विश्व युद्ध के रूप में देखें तो पूरा विश्व कराह रहा है। लाखों लोगों की जान जा चुकी है। और यह थमने का नाम नहीं ले रहा है। विचारणीय है कि उन्होंने गंगा के किनारे इसके समाप्त होने की बात कही है। कहीं ऐसा तो नहीं नहीं कि वे गंगा में विद्यमान रोगनाशक क्षमता की और इशारा कर गये हैं। उनकी भविष्यवाणी ने मेरी इस सोच को बहुत बल दिया है कि गंगाजल में रोगनाशक क्षमता है और यह करोना वायरस पर नियन्त्रण कर सकता है।संभवतया कोविड की जंग ही तीसरे विश्व युद्ध के रूप में प्रकट हुयी हो। नेशनल एनवायरनमेंट इन्जीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट, नागपुर ने अपने शोध में पाया है की गंगा के उपरी हिस्सों में फेज (जो की अर्ध जीवित लाभप्रद वायरस होते हैं), बहुत भारी संख्या में पाए जाते हैं. इन फेज से विभिन्र रोगों का उपचार किया जा सकता है. इस शोध को आधार बनाकर सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट लखनऊ के पूर्व उप निदेशक नरेन्द्र मेहरोत्रा और मैंने ICMR को इस विषय पर रिसर्च करने का प्रस्ताव दिया था। किन्तु ICMR ने इसे यह कहकर अस्वीकार कर दिया की फिलहाल इसके पर्याप्त क्लिनिकल प्रमाण उपलब्ध नहीं है. हमने हिम्मत नहीं हारी है और इस प्रमाण को प्राप्त करने के लिए पिछले 2 माह से प्रयास कर रहे हैं। लगभग 20 लोगों ने गंगाजल का नियमित सेवन किया है. इनमें से आठ को लाभ हुआ है और एक को हल्का नुकसान हुआ जबकि 11 लोगों पर कोई असर नहीं पड़ा है. मैं आपको इनके उपचार का लेखा जोखा भेज रहा हूँ. हमारा मानना है कि गंगाजल के सेवन से कोविड के फैलाव को रोकने कि सम्भावना है. यदि हम गंगाजल को कुछ कोविड अथवा श्वास सम्बन्धी रोगियों को सेवन के लिए प्रेरित करें तो हम गंगाजल से श्वास सम्बन्धी रोगों के उपचार का डेटा बेस बना सकते हैं. और हम पुनः सरकार को इस दिशा में शोध करने के लिए कह सकते हैं. हमें विश्वास है कि यह कार्य आपके सहयोग से अवश्य सफल होगा. यदि आपकी जानकारी में कोई व्यक्ति श्वास अथवा कोविड के संक्रमण से परेशान है और गंगाजल का सेवन करना चाहता है तो कृपया आप उनसे सम्पर्क करें और उन्हें गंगा जल लेने के लिए प्रेरित करने कि कृपा करें. आप उनका सम्पर्क सूत्र सीधे हमें भी भेज सकते हैं हम आभारी होंगे. हम उन्हें मानसून के पहले का उपरी गंगा का गंगाजल उपलब्ध कराना चाहेंगे. यह हमारा सौभाग्य होगा. इस हेतु कोई शुल्क देय नहीं होगा।

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