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करोड़ों का अनुदान मिलने के बावजूद भी मर रही हैं गाय


गायों के लिए करोड़ों का अनुदान सरकारें देती हैं उसके बावजूद भी गाय गौशाला की जगह हाईवे पर घूम रही हैं जो किसी हादसे का शिकार हो सकती हैं और विकलांग भी हो सकती हैं लेकिन फिर भी कोई देखने को तैयार नहीं है ना ही गौशाला वाले ना ही सरकार और ना ही प्रशासन. हिंदू धर्म की धुरी गाय हिंदुओं के लिए पूज्यनीय होने के कारण उत्तराखंड व भारत सरकार ने गायों की रक्षा के लिए कठोर कानून बनाए जिससे गायों की रक्षा हो सके ।

रिपोर्ट  - 

हिंदू धर्म की धुरी गाय हिंदुओं के लिए पूज्यनीय होने के कारण उत्तराखंड व भारत सरकार ने गायों की रक्षा के लिए कठोर कानून बनाए जिससे गायों की रक्षा हो सके । गायों के लिए जगह-जगह गौशालायेँ बनाई गई गौशालाओं के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए अनुदान भी दिए जिससे गायों की रक्षा हो सके। संत समाज ने भी गायों की रक्षा के लिए तमाम गौशाला खोली और सरकार ने उन्हें अनुदान भी दिया लेकिन फिर भी इतनी गौशाला होने व इतना अनुदान मिलने के बावजूद भी सड़कों पर घूम रही हैं और हादसों का शिकार बन रही है बहुत सी गाय तो हादसे में घायल होने के कारण तड़प तड़प कर अपनी जाने भी दे रही हैं लेकिन न तो सरकार ही इन गायों पर ध्यान दे रही है नाही अनुदान से बनी गौशालाऐं । इस मामले में संतो द्वारा बड़े-बड़े दावे गायों की रक्षा को लेकर बहुत किए लेकिन जमीनी स्तर पर कहीं दिखाई नहीं देते जबकि मंचों पर यह संत गायों की रक्षा के लिए शपथ तो लेते हैं लेकिन इन घूमती हुई गायों को देखने तक नहीं आते जिसके कारण गाय सड़क हादसे में मर जाती हैं और बहुत सी गाय घायल भी हो जाती हैं जो तड़प तड़प कर मर जाती हैं । लेकिन कोई भी धर्म का ठेकेदार या सरकार या समाज सेवी संस्थाएं देखने तक नहीं आती जबकि गायों के नाम पर सरकार से अनुदान लेने में कोई पीछे नहीं रहता । सरकार को अनुदान देने वाले गौशालाओं पर शिकंजा कसना चाहिए जिससे गायों की रक्छा हो सके ।

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