परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने कहा कि कोविड-19 के कारण अनेक लोगों का मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤† है तथा कई लोग à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤¯à¥‡ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनके परिवार वाले उनके पास नहीं थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि मानसिक रूप से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होना उतना ही जरूरी है जितना की शारीरिक रूप से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होना।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 6 सितमà¥à¤¬à¤°à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने कहा कि कोविड-19 के कारण अनेक लोगों का मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤† है तथा कई लोग à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤¯à¥‡ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनके परिवार वाले उनके पास नहीं थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि मानसिक रूप से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होना उतना ही जरूरी है जितना की शारीरिक रूप से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होना। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि इस कोरोना संकट के दौरान कई लोग à¤à¤¸à¥‡ थे जिनके परिवार वाले उनके साथ में नहीं थे, कई लोगों के बचà¥à¤šà¥‡ घर से बाहर दूसरों शहरों में पॠरहे थे, कà¥à¤› लोग घरों से दूर वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ और रोजगार के लिये गये थे और अचानक कोरोना वायरस का फैलना और फिर लाॅकडाउन हà¥à¤†à¥¤ अब à¤à¥€ चारों ओर कोरोना का संकट वà¥à¤¯à¤ªà¥à¤¤ है। इस समय à¤à¥€ लोगों का जीवन पूरà¥à¤£ रूप से पटरी पर वापस नहीं लौटा और अà¤à¥€ à¤à¥€ कोरोना फैलने का संकट बना हà¥à¤† है। साथ ही à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की चिंता, बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को अपनी शिकà¥à¤·à¤¾ की चिंता, अनेक लोगों को रोजगार की चिंता है। विगत चार-पांच माह से अनेक लोगों का कामकाज बंद है जिससे तनाव बà¥à¤¾ और घरेलू हिंसा à¤à¥€ बà¥à¥€ इसे कम करने के लिये मानसिक रूप से मजबूत होना बहà¥à¤¤ जरूरी है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि वासà¥à¤¤à¤µ में कोरोना के कारण पूरा विशà¥à¤µ थम सा गया है, लोगों को अपने à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की चिंता है परनà¥à¤¤à¥ इस दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में कोरोना पहली माहमारी नहीं है, इसके पहले à¤à¥€ 1720 में फà¥à¤²à¥‡à¤— फà¥à¤°à¤¾à¤‚स से फैला था, 1820 में हैजा कॉलरा à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ देशों से फैला, 1920 में सà¥à¤ªà¥‡à¤¨à¤¿à¤¶ फà¥à¤²à¥‚ फैला जिससे पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के लगà¤à¤— 5 करोड़ लोग पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤¯à¥‡ थे। धरती पर रहने वाले लोगों ने कई माहमारियों का सामना किया और फिर से लोगांे की जिनà¥à¤¦à¤—ियां वापस पटरी पर à¤à¥€ लौट आयी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि संसार तब à¤à¥€ था और अब à¤à¥€ है, यह तो चलता रहेगा। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि हमें शारीरिक रूप से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहने के साथ मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पर à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना होगा। इसके लिये अपनी इमà¥à¤¯à¥‚निटी को बà¥à¤¾à¤¨à¤¾ होगा। इसके लिये योग, धà¥à¤¯à¤¾à¤¨, पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤®, घरेलू उपचारों को अपनाना होगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि इमà¥à¤¯à¥‚निटी के सà¥à¤¤à¤° को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के लिये दालचीनी, पिपरमेंट के पतà¥à¤¤à¥‡, अदरक, गिलोय, को पानी में उबालकर ठंडा कर शहद मिलकर सेवन करने से काफी लाठमिलेगा। साथ ही अपनी पाचन कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ ठीक रखे, à¤à¤°à¤ªà¥‚र नींद ले तथा तà¥à¤²à¤¸à¥€ और कालीमिरà¥à¤š यà¥à¤•à¥à¤¤ हरà¥à¤¬à¤² चाय का सेवन करे और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रखे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ को बनाये रखने के लिये तनाव मà¥à¤•à¥à¤¤ रहना बहà¥à¤¤ जरूरी है और इसके लिये मेडिटेशन सबसे उपयà¥à¤•à¥à¤¤ है। पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•à¤¾à¤² उगते सूरà¥à¤¯ का दरà¥à¤¶à¤¨ करें, पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤®à¤¯ जीवन पदà¥à¤µà¤¤à¤¿ को अपनाये और जीवन में योग को सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दे। समà¥à¤à¤µ हो तो सूरà¥à¤¯ नमसà¥à¤•à¤¾à¤°, ताड़ासन, पवनमà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¸à¤¨, चकà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¨ तà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‹à¤£à¤¾à¤¸à¤¨, à¤à¥à¤œà¤‚गासन आदि आसनों का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करे, कम से कम 1 हजार कदम तेेज चलना और पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ अपनी शà¥à¤µà¤¾à¤¸ पर कंटà¥à¤°à¥‹à¤² करना मानसिक रूप से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहने का सहज मारà¥à¤— है।