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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो - एल जे पी


लोक जनशक्ति पार्टी के युवा नेता चिराग पासवान ने , महाराष्ट्र में मौजूदा हालात को देखते हुए, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤œà¥€à¤µ सिंह की रिपोर्ट "आल न्यूज़ भारत"के लिए

लोक जनशक्ति पार्टी के युवा नेता चिराग पासवान ने , महाराष्ट्र में मौजूदा हालात को देखते हुए, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली , मुंबई महानगरी में हालात कुछ ऐसे बने हुए हैं कि, देश के अलग-अलग जगहों सहित महाराष्ट्र के अंदर से भी, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही जा रही है, महाराष्ट्र के अंदर मौजूदा हालात को देखते हुए , किसी को भी ऐसा नहीं लग रहा है कि लोग महाराष्ट्र के अंदर सुरक्षित हैं , क्योंकि शिवसेना की गुंडागर्दी लगातार मुंबई में जारी है और लोग काफी परेशान और डरे हुए हैं । क्योंकि महाराष्ट्र में एक के बाद एक कई ऐसी घटनाएं हो रही है , इस घटना की शुरुआत हुई थी , सुशांत सिंह राजपूत हत्या मामले से जो आज कंगना राणावत , ड्रग्स और अब भूतपूर्व नौसैनिक की बर्बरता पूर्वक पिटाई का मामला, देखने से लगता है महाराष्ट्र सरकार इन सभी मामलों में शामिल है और बौखलाई हुई है , क्योंकि शुरुआत में देखें तो, जब बिहार के आईपीएस ऑफिसर मुंबई पहुंचे, तो उनको मुंबई महानगरपालिका ने जबरन कोरेंटिन कर दिया । दूसरी तरफ देखें तो सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार सीबीआई इंक्वायरी के विरोध में खड़ी हो गई । उसके बाद रिया चक्रवर्ती जो कि, मुख्य आरोपी है , सुशांत मामले में उसको लगातार प्रोटेक्शन देती रही, इसके बाद शिवसेना के एक बड़े नेता संजय राउत ने कंगना राणावत को अभद्र गालियां दी और बीएमसी ने उसका घर तोड़ दिया और उसके ऊपर एफ आई आर भी कर दिया, क्योंकि कंगना राणावत ने पूरे मामले पर एक मुहिम छेड़ दी और सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया , तो सवाल यह उठता है कि क्या लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है । क्या कंगना राणावत अपनी बात नहीं रख सकती । इसके बाद एक नौसैनिक ने एक साधारण कार्टून शेयर क्या कर दिया कि, शिव सैनिकों ने इनकी बर्बरता से पिटाई कर दी। इन सभी मामलों पर बोलते हुए चिराग पासवान ने अंत मैं यही कहा कि अब महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के अलावा और कोई रास्ता दिखाई नहीं पड़ रहा है । अतः महाराष्ट्र में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए , और कानून व्यवस्था को सही करना चाहिए। ताकि लोग महाराष्ट्र में रहने से डरे नहीं और लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी बची रहे।

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