आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ के महान इंजीनियर सर मोकà¥à¤·à¤—à¥à¤‚गडम विशà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥ˆà¤¯à¤¾ जी का जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ है उनà¥à¤¹à¥€ की याद में इंजीनियरà¥à¤¸ डे मनाया जाता है। à¤à¤• इंजीनियर के रूप में à¤à¤® विशà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥ˆà¤¯à¤¾ जी ने बहà¥à¤¤ से अदà¥à¤à¥à¤¤ काम किये. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सिनà¥à¤§à¥ नदी से पानी की सपà¥à¤²à¤¾à¤ˆ सà¥à¤•à¥à¤•à¥à¤° गाà¤à¤µ तक करवाई, साथ ही à¤à¤• नई सिंचाई पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ ‘बà¥à¤²à¤¾à¤• सिसà¥à¤Ÿà¤®â€™ को शà¥à¤°à¥‚ किया. इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ बाà¤à¤§ में इसà¥à¤ªà¤¾à¤¤ के दरवाजे लगवाà¤, ताकि बाà¤à¤§ के पानी के पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ को आसानी से रोका जा सके।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 15 सितमà¥à¤¬à¤°à¥¤ आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ के महान इंजीनियर सर मोकà¥à¤·à¤—à¥à¤‚गडम विशà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥ˆà¤¯à¤¾ जी का जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ है उनà¥à¤¹à¥€ की याद में इंजीनियरà¥à¤¸ डे मनाया जाता है। à¤à¤• इंजीनियर के रूप में à¤à¤® विशà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥ˆà¤¯à¤¾ जी ने बहà¥à¤¤ से अदà¥à¤à¥à¤¤ काम किये. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सिनà¥à¤§à¥ नदी से पानी की सपà¥à¤²à¤¾à¤ˆ सà¥à¤•à¥à¤•à¥à¤° गाà¤à¤µ तक करवाई, साथ ही à¤à¤• नई सिंचाई पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ ‘बà¥à¤²à¤¾à¤• सिसà¥à¤Ÿà¤®â€™ को शà¥à¤°à¥‚ किया. इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ बाà¤à¤§ में इसà¥à¤ªà¤¾à¤¤ के दरवाजे लगवाà¤, ताकि बाà¤à¤§ के पानी के पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ को आसानी से रोका जा सके। साथ ही मैसूर में कृषà¥à¤£à¤°à¤¾à¤œ सागर बांध बनाने में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆ थी, उस समय à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वह सबसे बड़ा जलाशय था। à¤à¤¸à¥‡ अनेक यादगार कारà¥à¤¯ विशà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥ˆà¤¯à¤¾ जी ने किये। à¤à¤® विशà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥ˆà¤¯à¤¾ जी को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ के विशà¥à¤µà¤•à¤°à¥à¤®à¤¾ के रूप में जाना जाता है। उनका जनà¥à¤® 15 सितंबर, 1861 में मैसूर में हà¥à¤† था। à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने वरà¥à¤· 1968 में उनकी जनà¥à¤® तिथि को ‘अà¤à¤¿à¤¯à¤‚ता दिवस’ घोषित किया था। डॉ. मोकà¥à¤·à¤—à¥à¤‚डम विशà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥ˆà¤¯à¤¾ को सिंचाई डिजाइन के मासà¥à¤Ÿà¤° के रूप में उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ अपनी उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ पहचान बनायी थी। उनकी सबसे उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय परियोजनाओं में से à¤à¤• कृषà¥à¤£à¤¾ राजा सागर à¤à¥€à¤² और बांध है, जो करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। वरà¥à¤· 1955 में उनकी अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ तथा जनहितकारी उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देश के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š समà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨ से नवाजा गया। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में 15 सितंबर को अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ लोकतंतà¥à¤° दिवस के रूप में à¤à¥€ मनाया जाता है। लोकतंतà¥à¤° का तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ समावेश, समान वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° और समान à¤à¤¾à¤—ीदारी। वासà¥à¤¤à¤µ में यह शांति, सततॠविकास और मानवाधिकारों के संरकà¥à¤·à¤£ के लिये à¤à¤• उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ पहल है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कहा कि विविधता में à¤à¤•à¤¤à¤¾ ही à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ लोकतंतà¥à¤° की विशेषता है। आजादी के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने बहà¥à¤¤ विकास किया लेकिन किसी à¤à¥€ परिपकà¥à¤µ लोकतंतà¥à¤° की सफलता इस बात पर निरà¥à¤à¤° करती है कि सामाजिक समरसता के धरातल पर कितना विकास हà¥à¤†à¥¤ साथ ही गरीबी, निरकà¥à¤·à¤°à¤¤à¤¾, सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾, लैंगिक à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ और जातिवाद को और किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° कम किया जा सकता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को कम करने के लिये हम सà¤à¥€ को मिलकर कारà¥à¤¯ करना होगा। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कहा, ’आज सà¤à¥€ ’’इंजीनियरों को à¤à¤—ीरथ बनने की जरूरत है’’। धरती पर à¤à¤—ीरथ पहले इंजीनियर थे जिनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ à¤à¤¾à¤—ीरथी गंगा को धरती पर लाये थे। इसे à¤à¤—ीरथ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कहें या तपसà¥à¤¯à¤¾ जो à¤à¥€ हो वह इतनी विलकà¥à¤·à¤£ थी की आज à¤à¥€ गंगा हमारे पास है और वह à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ विधाता à¤à¥€ है।