अमावसà¥à¤¯à¤¾ के दिन पà¥à¤°à¤¾à¤¤: सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ आदि से शà¥à¤¦à¥à¤§ होकर सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अनà¥à¤¨,वसà¥à¤¤à¥à¤°,सोना व गाय का दान करना चाहिà¤à¥¤à¤‡à¤¸ दिन पितरों का शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§,बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£-à¤à¥‹à¤œà¤¨ और à¤à¤—वान के जप-धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ का बहà¥à¤¤ पà¥à¤£à¥à¤¯ है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
अमावसà¥à¤¯à¤¾ के दिन पà¥à¤°à¤¾à¤¤: सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ आदि से शà¥à¤¦à¥à¤§ होकर सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अनà¥à¤¨,वसà¥à¤¤à¥à¤°,सोना व गाय का दान करना चाहिà¤à¥¤à¤‡à¤¸ दिन पितरों का शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§,बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£-à¤à¥‹à¤œà¤¨ और à¤à¤—वान के जप-धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ का बहà¥à¤¤ पà¥à¤£à¥à¤¯ है।साथ ही पितरों का पूजन (शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§,तरà¥à¤ªà¤£ आदि) मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीवन में कृपा बरसाने वाला, सà¥à¤–-शानà¥à¤¤à¤¿, धन-समृदà¥à¤§à¤¿ व पà¥à¤¤à¥à¤°- पौतà¥à¤° देने वाला होता है।पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• महीने की अमावसà¥à¤¯à¤¾ को और विशेषकर सोमवती अमावसà¥à¤¯à¤¾ को अपने परिवार की सà¥à¤–-शानà¥à¤¤à¤¿ के लिठपितरों की पूजा करनी चाहिà¤à¥¤à¤‡à¤¸à¤•à¥‡ लिठकिसी शà¥à¤¦à¥à¤§ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जमीन में रोली से सतिया बनायें और फिर उस पर जल व रोली के छींटे लगाकर पà¥à¤·à¥à¤ª चढ़ा दें।कà¥à¤› मिठाई व दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ चढ़ावें और नमसà¥à¤•à¤¾à¤° करें।इसके बाद à¤à¤• बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ दमà¥à¤ªà¤¤à¤¿ को à¤à¥‹à¤œà¤¨ करा कर तिलक करें व दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ देकर विदा करें।इस तरह पूजा करने से पितृगण पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होते हैं।