अधिक मास में सूरà¥à¤¯ की सकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति (सूरà¥à¤¯ का à¤à¤• राशि से दूसरी राशि में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶) न होने से इसे ‘मल मास’ (मलिन मास) कहा गया है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ होने से यह मास देव-पितर आदि की पूजा तथा मंगल करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के लिठतà¥à¤¯à¤¾à¤œà¥à¤¯ माना गया। इससे लोग इसकी घोर निंदा करने लगे।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
अधिक मास में सूरà¥à¤¯ की सकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति (सूरà¥à¤¯ का à¤à¤• राशि से दूसरी राशि में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶) न होने से इसे ‘मल मास’ (मलिन मास) कहा गया है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ होने से यह मास देव-पितर आदि की पूजा तथा मंगल करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के लिठतà¥à¤¯à¤¾à¤œà¥à¤¯ माना गया। इससे लोग इसकी घोर निंदा करने लगे। मल मास ने à¤à¤—वान को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की, à¤à¤—वान बोले- “मल मास नहीं, अब से इसका नाम पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® मास होगा। इस महीने जो जप, सतà¥à¤¸à¤‚ग, धà¥à¤¯à¤¾à¤¨, पà¥à¤£à¥à¤¯ आदि करेंगे, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ विशेष फायदा होगा। अंतरà¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€ आतà¥à¤®à¤¾ के लिठजो à¤à¥€ करà¥à¤® करेंगे, तेरे मास में वह विशेष फलदायी हो जायेगा। तब से मल मास का नाम पड़ गया ‘पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® मास’। अधिक मास में आà¤à¤µà¤²à¤¾ और तिल के उबटन से सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¦à¤¾à¤¯à¥€ है और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ में बढ़ोतरी करने वाला है अथवा तो आà¤à¤µà¤²à¤¾, जौ तिल का मिशà¥à¤°à¤£ बनाकर रखो और सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करते समय थोड़ा मिशà¥à¤°à¤£ बालà¥à¤Ÿà¥€ में डाल दिया। इससे à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ और पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ पाने में मदद मिलती है। इस मास में आà¤à¤µà¤²à¥‡ के पेड़ के नीचे बैठकर à¤à¥‹à¤œà¤¨ करना अधिक पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ देता है।आà¤à¤µà¤²à¥‡ व पीपल के पेड़ को सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ करने से सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने का पà¥à¤£à¥à¤¯ होता है, सातà¥à¤¤à¥à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ और पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ की बढ़ोतरी होती है। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने के बाद सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ करने से दà¥à¤—à¥à¤¨à¤¾ पà¥à¤£à¥à¤¯ होता है। पीपल और आà¤à¤µà¤²à¤¾ सातà¥à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के धनी हैं।इस मास में धरती पर (बिसà¥à¤¤à¤° बिछाकर) शयन व पलाश की पतà¥à¤¤à¤² पर à¤à¥‹à¤œà¤¨ करे और बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ वà¥à¤°à¤¤ पाले तो पापनाशिनी ऊरà¥à¤œà¤¾ बढ़ती है और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में निखार आता है। इस पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® मास को कई वरदान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हैं और शà¥à¤ करà¥à¤® करने हेतॠइसकी महिमा अपरमà¥à¤ªà¤¾à¤° है। पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® मास व चतà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¸ में नीच करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— करना चाहिà¤à¥¤ वैसे तो सदा के लिठकरना चाहिठलेकिन आरमà¥à¤ वाला à¤à¤•à¥à¤¤ इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ महीनों में तà¥à¤¯à¤¾à¤— करे तो उसका नीच करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के तà¥à¤¯à¤¾à¤— का सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ बढ़ जायेगा। इस मास में शादी-विवाह अथवा सकाम करà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ सकाम वà¥à¤°à¤¤ वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ हैं। जैसे कà¥à¤à¤, बावली, तालाब और बाग़ आदि का आरमà¥à¤ तथा पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा, नवविवाहिता वधू का पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶, देवताओं का सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨ (देव-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा), यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ संसà¥à¤•à¤¾à¤°, नामकरण, मकान बनाना, नये वसà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤µà¤‚ अलंकार पहनना आदि। इस मास में किये गये निषà¥à¤•à¤¾à¤® करà¥à¤® कई गà¥à¤¨à¤¾ विशेष फल देते हैं।