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उप्र में पत्रकारो पर सही खबर लिखने या दिखाने पर पुलिस और प्रशासन तंत्र द्वारा फर्जी FIR दर्ज करने जैसी घटनाओं का मुखर विरोध किया


उप्र जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन(उपजा)ने सहारनपुर के वरिष्ठ पत्रकार देवेश त्यागी पर अराजक तत्वों द्वारा किए गए गंभीर हमले को निंदनीय और शर्मनाक बताते हुए, उत्तर प्रदेश मे निरन्तर बढ़ रही पत्रकार उत्पीड़न, पत्रकारो पर हमलो, पत्रकारो की हत्याएं, पत्रकारो पर सही खबर लिखने या दिखाने पर पुलिस और प्रशासन तंत्र द्वारा फर्जी FIR दर्ज करने जैसी घटनाओं का मुखर विरोध किया है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

उक्त संदर्भ मे प्रदेश मे बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उपजा के प्रदेश अध्यक्ष रतन दोक्षित ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कहा है कि लचर होती जा रही कानून व्यवस्था के चलते विभिन जनपदों मे अराजक अपराध तत्वों और स्थानीय स्तर पर पोषित हो रहे पुलिस तंत्र से उनके अपवित्र गठबंधन के कारण पत्रकारो के उत्पीड़न, उन पर हमले, फर्जी मुकदमों द्वारा पत्रकारों और निर्भीक पत्रकारिता के दमन की घटनाओं का विस्तार हो रहा है, nuji के राष्ट्रीय अध्य्क्ष रास बिहारी जी के नेतृत्व मे संसद के सामने एक माह के अंदर दो बार पत्रकारो की सुरक्षा के लिए प्रदर्शन भी किया गया, तब भी स्थिति में सुधार न आना चिंतनीय है। उपजा की तरफ से प्रदेश अध्य्क्ष श्री दीक्षित ने मुख्यमंत्री को 8 सूत्रीय मांग पत्र भेजा है जिसमे सहारनपुर मे पत्रकार पर घातक हमले के दोषी जनो को तत्काल गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई, प्रदेश मे पत्रकार सुरक्षा कानून के निर्माण, पत्रकारो के उत्पीड़न प्रकरणों के निष्पक्ष निस्तारण के लिए राज्य स्तरीय समिति के गठन, विभिन्न जनपदों मे पत्रकारो के खिलाफ साजिश के तहत दर्ज कराई गई फर्जी fir s को निरस्त करने, पत्रकारो पर हमलो व उनकी हत्या के प्रकरणों का निस्तारण फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट से कराने, हत्या के शिकार हुए पत्रकारो के परिवार को न्यूनतम 50 लाख की शासन से आर्थिक मदद व उनके परिवार के किसी एक आश्रित सदस्य को सरकारी नौकरी देने, हमलो मे घायल पत्रकारो की समुचित चिकित्सा प्रबंध खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन करने और कोरोना काल मे जान की बाजी लगा कर अपना कर्तव्य निभा रहे पत्रकारो को कोरोना योद्धा की श्रेणी मे रखने और कोरना संक्रमण से जान गवाने वाले मीडियाकर्मियों के परिवार को न्यूनतम 50 लाख की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने जैसी पत्रकार हित की महत्वपूर्ण मांगे शामिल है। दोक्षित ने चेतावनी दी कि समय रहते सरकार पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं पर अंकुश लगाने और पत्रकारो की जायज मांगो को पूरा करने की दिशा मे सचेत नही होती तो प्रदेश के पत्रकारो को एकजूट कर उपजा प्रदेश स्तर पर पत्रकार हित मे आंदोलन संचालित करने के लिए विवश होगी।

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