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निरंजनी अखाड़े के पूर्व एवं वर्तमान सचिव रामानंद पूरी,रविन्द्र पूरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज


आज हरिद्वार कोतवाली में निरंजनी अखाड़े के महासचिव एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी एवं मनसा देवी ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष महंत रामानंदपुरी के खिलाफ नगर कोतवाली हरिद्वार ने माननीय न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर दिया है।

रिपोर्ट  - 

आज हरिद्वार कोतवाली में निरंजनी अखाड़े के महासचिव एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी एवं मनसा देवी ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष महंत रामानंदपुरी के खिलाफ नगर कोतवाली हरिद्वार ने माननीय न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर दिया है। बता दें कि हरिद्वार के तीनों महत्वपूर्ण स्थलों की व्यवस्था प्रदेश के सबसे बड़े उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल के आदेश पर हरिद्वार के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देख रहे हैं वर्ष- 2012 से मनसा देवी, चंडी देवी, हर की पौड़ी की यह व्यवस्था डीएम, एसएसपी के नियंत्रण में है। जिलाधिकारी ने सुचारू व्यवस्था हेतु नगर मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में प्रशासनिक समिति बनाई हुई है और और संस्था ट्रस्ट मां मनसा देवी का प्रबंधन करने का दावा निरंजनी अखाड़ा के सचिव करते चले आ रहे हैं इनके द्वारा हरिद्वार निवासी ठाकुर सिंह राणा को वर्ष 2001 में मां मनसा देवी मंदिर प्रांगण में एक दुकान पक्की किराए पर दी और बाकायदा उसका गवाहों की उपस्थिति में रजिस्टर अनुबंध किया। बताया कि जिस भूमि पर पक्की दुकान निर्मित है यह हमारी भूमि है किंतु वन विभाग द्वारा किए गए सर्वे में यह जानकारी सामने आई की मां मनसा देवी मंदिर के कथित ट्रस्टीयों ने राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से सांठगांठ कर एक राय होकर अनेकों पक्की दुकानें बनाई हुई है जो वन भूमि पर स्थित है आपको यह भी बता दें कि भारत की सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर वन भूमि पर अतिक्रमण करना, व्यवसाय करना, गैर जमानती अपराध है। और यह अपराध धन के बल पर विधि-विधान को तार-तार करते हुए वर्षों-वर्षों से चलता आ रहा है भारतीय वन सेवा के जिम्मेवार अधिकारी खुद मौन बने बैठे हैं पीड़ित पक्ष पिछले तकरीबन 9 वर्षों से न्याय के लिए भटक रहे हैं उन्होंने राजाजी टाइगर रिजर्व के बड़े अधिकारियों, पुलिस के अधिकारियों को साक्ष्यों सहित अपने प्रार्थना पत्र दिए किंतु अधिकारियों ने प्रभावशाली संतों पर कार्यवाही करना उचित नहीं समझा थक हार कर पीड़ित पक्ष ने न्यायालय की शरण ली और न्यायिक मजिस्ट्रेट हरिद्वार श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने पीड़ित को सुना पीड़ित के अधिवक्ता अनुराग श्रीकुंज ने मजबूती से पीड़ित का पक्ष रखा और लगातार पैरवी की जिसका नतीजा यह रहा इन बड़े संतों पर आज नगर कोतवाली हरिद्वार में इन संतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है।

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