पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® 'मन की बात' कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के जरिठदेशवासियों को संबोधित किया।यह रेडियो कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की 69वीं कड़ी थी। अपने संबोधन में पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ की समृदà¥à¤§ कहानी सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ की परंपरा का जिकà¥à¤° किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® 'मन की बात' कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के जरिठदेशवासियों को संबोधित किया।यह रेडियो कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की 69वीं कड़ी थी। अपने संबोधन में पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ की समृदà¥à¤§ कहानी सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ की परंपरा का जिकà¥à¤° किया।उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि कहानियों का इतिहास उतना ही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ है जितनी कि मानव सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¥¤ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने कृषि विधेयक का जिकà¥à¤° करते हà¥à¤ कहा कि अब किसानों को अपनी फल-सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ कहीं पर à¤à¥€, किसी को à¤à¥€ बेचने की ताकत मिल गई है।इसके अलावा उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• बार फिर दो गज की दूरी बनाठरखने की बात दोहराई।पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ मोदी ने कहा कि मासà¥à¤• अवशà¥à¤¯ रखें, चेहरा ढंके बिना बाहर ना जाà¤à¤‚, दो गज की दूरी का नियम आपको और आपके परिवार को à¤à¥€ बचा सकता है।ये कà¥à¤› नियम कोरोना के खिलाफ लड़ाई के हथियार हैं, और हम ये ना à¤à¥‚लें कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं, आप सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहें,आपका परिवार सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहे,इसी शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾ के साथ बहà¥à¤¤ बहà¥à¤¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦, नमसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥¤à¤®à¥‡à¤°à¥‡ पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ देशवासियों कोरोना के इस कालखंड में मैं फिर à¤à¤• बार आपको याद कराऊंगा- मासà¥à¤• अवशà¥à¤¯ रखें, चेहरा ढंके बिना बाहर ना जाà¤à¤‚, दो गज की दूरी का नियम, आपको और आपके परिवार को à¤à¥€ बचा सकता है।कोरोना के इस कठिन समय में à¤à¥€ हमारे देश के कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° ने फिर अपना दमखम दिखाया है, देश का कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°, हमारे किसान, हमारे गांव, आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ का आधार हैं, ये मजबूत होंगे तो आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ की नींव मजबूत होगी।कहानियां लोगों के रचनातà¥à¤®à¤• और संवेदनशील पकà¥à¤· को सामने लाती हैं,उसे पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करती हैं। मैं अपने जीवन में बहà¥à¤¤ लंबे अरसे तक à¤à¤• परिवà¥à¤°à¤¾à¤œà¤• के रूप में रहा। घà¥à¤®à¤‚त ही मेरी जिंदगी थी। हर दिन नया गांव, नठलोग, नठपरिवार।हमारे यहां तरह-तरह की लोक-कथाà¤à¤‚ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ हैं।मैं देख रहा हूं कि कई लोग किसà¥à¤¸à¤¾à¤—ोई की कला को आगे बढ़ाने के लिठसराहनीय पहल कर रहे हैं।