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कोरोना से बचने के लिए विदेश में भी लोग भारत के परंपरागत काढ़े को पी रहे हैं।


कोरोना से बचने के लिए विदेश में भी लोग भारत के परंपरागत काढ़े को पी रहे हैं। इस कारण वस्तुओं के कुल निर्यात में गिरावट के बावजूद मसाले के निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है। स्पाइस बोर्ड के अनुमान के मुताबिक, इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान मसाले के कुल निर्यात में 10 फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

कोरोना से बचने के लिए विदेश में भी लोग भारत के परंपरागत काढ़े को पी रहे हैं। इस कारण वस्तुओं के कुल निर्यात में गिरावट के बावजूद मसाले के निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है। स्पाइस बोर्ड के अनुमान के मुताबिक, इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान मसाले के कुल निर्यात में 10 फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान है। जबकि इस साल अप्रैल-जुलाई के बीच वस्तुओं के कुल निर्यात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 30 फीसद की गिरावट रही। स्पाइस बोर्ड के अनुमान के मुताबिक इस साल अप्रैल-जुलाई में 4.33 लाख टन मसाले का निर्यात किया गया जिसकी अनुमानित कीमत 7760 करोड़ रुपए बताई गई। पिछले साल अप्रैल-जुलाई में 3.92 लाख टन मसाले का निर्यात किया गया था जिसकी कीमत 7028 करोड़ रुपए बताई गई। इस प्रकार मात्रा और कीमत दोनों ही स्तर पर मसाले के निर्यात में इस साल लगभग 10 फीसद का इजाफा रहा।निर्यातकों ने बताया कि अभी अन्य वस्तुओं की मांग में भारी गिरावट है, लेकिन भारतीय मसाले में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण होने की वजह से मसाले की मांग में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। स्पाइस बोर्ड के मुताबिक, इस साल अप्रैल-जुलाई में अदरक, हल्दी, जीरा और धनिया की निर्यात मांग अन्य मसाले के मुकाबले अधिक रही।

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