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हेमवती नंदन गढवाल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में'वर्तमान समय में मीडिया एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ' विषय पर एक दिवसीय परिचर्चा


हेमवती नंदन गढवाल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में'वर्तमान समय में मीडिया एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ' विषय पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतिभागियों ने मीडिया एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संदर्भ में अपने अपने विचार प्रस्तुत किये|

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

परिचर्चा का शुभारंभ करते हुए आर्ट फैकल्टी के डीन प्रोफ़ेसर सी एस सूद ने संविधान में वर्णित अनुच्छेद 19 तथा मौलिक अधिकारों से संबंधित केशवानंद भारती वाद का संदर्भ इस अवसर पर दिया ,साथ ही उन्होंने आपातकाल के समय लागू मीडिया सेंसरशिप उल्लेख भी किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मीडिया एवं लोगों को वर्तमान में स्वअनुशासित होने की जरुरत है । इसके बाद प्रोफ़ेसर आर एन गैरोला ने मीडिया , अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा समकालीन परिप्रेक्ष् में इसके भूमिका की अलग अलग व्याख्या की। प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत के गिरते हुए स्तर पर ही चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को इसकी प्रति अधिक सकारात्मक एवं समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है । इसके साथ-साथ राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर एम. एम. सेमवाल ने संविधान सभा में दिए गए अंबेडकर के कथन को उद्धरित करते हुए कहा कि अंबेडकर मीडिया की स्वतंत्रता को अनुच्छेद 19 में वर्णित व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से पृथक नहीं मानते थे साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा एवं अन्य संकट के समय सरकारें इस कदर शक्तिशाली हो जाती हैं कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध भी लगा देती हैं। ताकि हम स्वयं अपनी समझ विकसित कर सकें , इसके साथ थी उन्होंने हिंदी पट्टी के मीडिया और अखबारों के गिरते स्तर पर भी अपनी चिंता व्यक्त की साथ ही कहा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में सदैव संतुलन होना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन मनस्वी सेमवाल ने किया। शोध छात्र देवेंद्र सिंह ने हाल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मीडिया को लेकर बनाये गए तमाम कानूनों तथा विभिन्न सुझावों की तरफ प्रतिभागियों के ध्यान आकर्षित किया तथा इस संदर्भ में और अधिक प्रभावशाली नियम कानून बनाने की बात कही ,अरविंद सिंह रावत ने मीडिया की नैतिकता को लेकर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए तथा मीडिया को और अधिक संवेदनशील बनने की बात कही,जमुना प्रसाद ने भी मीडिया संस्थानों को और अधिक उत्तरदायित्वपूर्ण तथा नैतिक मूल्य आधारित व्यवस्था अपनाने की बात कही वहीं शुभम ने कहा कि सोशल मीडिया मुख्यधारा के दूसरे मीडिया से बेहतर है साथ ही उन्होंने डार्क वेब ,फेक न्यूज़ को लेकर अपने विचार रखे । इस अवसर पर राजनीति विज्ञान के शोधार्थी एवं अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

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