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कोरोना वायरस का आम जन-जीवन पर काफी गहरा असर पड़ रहा है।


कोरोना वायरस का आम जन-जीवन पर काफी गहरा असर पड़ रहा है।यह जिंदगियों पर भारी पड़ने के साथ ही सामान्य लोगों की मानसिक सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।लोगों में संक्रमण के खतरे और आर्थिक दशा बिगड़ने को लेकर डर का माहौल है।इसके चलते तनाव, घबराहट और एंग्जाइटी बढ़ रहा है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

कोरोना वायरस का आम जन-जीवन पर काफी गहरा असर पड़ रहा है।यह जिंदगियों पर भारी पड़ने के साथ ही सामान्य लोगों की मानसिक सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।लोगों में संक्रमण के खतरे और आर्थिक दशा बिगड़ने को लेकर डर का माहौल है।इसके चलते तनाव, घबराहट और एंग्जाइटी बढ़ रहा है।नतीजन नींद पूरी नहीं हो पा रही है,जिसका असर हमारे सपनों पर भी पड़ रहा है।इससे खासतौर से महिलाएं प्रभावित हैं।ड्रीमिंग जर्नल में प्रकाशित अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अध्ययन के अनुसार, महामारी के चलते सपनों में ज्यादा एंग्जाइटी और नकारात्मक भावनाएं समा गई हैं। इसका पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के सपनों पर ज्यादा गहरा असर पड़ा है।इसकी मुख्य वजह यह हो सकती है कि महिलाएं घर की जिम्मेदारी ज्यादा महसूस करती हैं।शोधकर्ताओं ने महामारी के दौर में लोगों के सपनों के बारे में दुनिया में किए गए चार अध्ययनों के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।

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