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बद्रीनाथ धाम में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन लोकापर्ण


नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बद्रीनाथ धाम में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का देश के मा0 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आॅनलाइन लोकापर्ण किया। बद्रीनाथ धाम में 18.23 करोड़ की लागत से पुल के पास एक एमएलडी और बद्रीनाथ मंदिर के पास 10 केएलडी का प्लांट तैयार किया गया है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 29 सिंतबर,2020, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बद्रीनाथ धाम में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का देश के मा0 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आॅनलाइन लोकापर्ण किया। बद्रीनाथ धाम में 18.23 करोड़ की लागत से पुल के पास एक एमएलडी और बद्रीनाथ मंदिर के पास 10 केएलडी का प्लांट तैयार किया गया है। पूरे उत्तराखंड राज्य में नमामि गंगे के तहत 520.65 करोड़ की लागत से आठ एसटीपी प्रोजेक्ट तैयार किए गए है। जिनका प्रधानमंत्री ने आॅनलाइन लोकापर्ण किया। क्लीन गंगा मिशन के तहत निर्धारित समय से एसटीपी तैयार करने पर प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार सहित नमामि गंगे की पूरी टीम को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे गंगा को उद्गम स्थल से ही स्वच्छ एवं निर्मल रखने में मदद मिलेगी। बद्रीनाथ में एसटीपी के लोकपर्ण कार्यक्रम में गढवाल सांसद श्री तीरथ सिंह रावत, बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, नमामि गंगा प्रोजेक्ट के प्रबंधक केके रस्तोगी आदि मौजूद रहे। कोविड के दृष्टिगत लोकापर्ण कार्यक्रम के दौरान शारीरिक दूरी का भी विशेष ध्यान रखा गया। एसटीपी के लोकापर्ण के साथ ही बद्रीनाथ धाम में सीवरेज की वर्षो पुरानी समस्या दूर हो गई। गंगा नदी को उद्गत स्थलों से ही स्वच्छ बनाने के लिए नमामि गंगे के तहत बद्रीनाथ में सीवरेज शोधन संयत्र (एसटीपी) बनाकर सीवर नालों को टेप किया गया है और सीवरेज ट्रीटमेंट के बाद ही स्वच्छ जल को नदी में छोडा जाने लगा है। यहाॅ पर 18.23 करोड़ की लागत से एसटीपी बनाए गए है। मा0 प्रधानमंत्री ने एसटीपी का लोकपर्ण करने के बाद संबोधित करते हुए कहा कि गंगा हमारी सांस्कृतिक वैभव, आस्था और विरासत तीनों का प्रतीक है। जो हमारे देश की आधी से भी अधिक आबादी को समृद्व करती है। इसलिए इसकी स्वच्छ एवं निर्मल रखना हम सभी का दायित्व है। कहा कि नई सोच एवं नई एप्रोच के साथ नमामि गंगे के तहत गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए वृहद स्तर पर चैहमुखी कार्य किए जा रहे है। गंगा में गंदे नालों को गिरने से रोकने के लिए एसटीपी का जाल विछाया गया है। गंगा नदी तट के गांवों को खुले में शौच मुक्त कर प्रदूषण को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए है। उन्होंने कहा कि प्रयाग राज कुंभ में गंगा की निर्मलता दुनिया भर के श्रद्वालु अनुभव कर चुके है और आने वाले हरिद्वार कुंभ में भी श्रद्वालुओं को इसका अनुभव होगा।

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