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माननीय न्यायाधीश ने एम्स के कोविड वार्ड में भर्ती कोरोना ग्रसित मरीजों से वीडियो कॉल के द्वारा संवाद किया।


माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कोविड19 से ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए अधिकृत अस्पतालों में रोगियों के उपचार व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए गठित डिस्ट्रिक्ट मॉनिटरिंग कमेटी ने एम्स अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने अस्पताल में कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों के इलाज की कार्यप्रणाली व इसके लिए जुटाई गई तमाम व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कोविड19 से ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए अधिकृत अस्पतालों में रोगियों के उपचार व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए गठित डिस्ट्रिक्ट मॉनिटरिंग कमेटी ने एम्स अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने अस्पताल में कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों के इलाज की कार्यप्रणाली व इसके लिए जुटाई गई तमाम व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान माननीय न्यायाधीश ने एम्स के कोविड वार्ड में भर्ती कोरोना ग्रसित मरीजों से वीडियो कॉल के द्वारा संवाद भी किया। संस्थान के कोविड सेंटर में सभी व्यवस्थाएं मुकम्मल पाए जाने पर टीम ने संतोष व्यक्त किया। उनका कहना था कि दूसरे अस्पतालों को भी कोविड ग्रसित मरीजों के इलाज में एम्स के स्तर की व्यवस्थाएं जुटाई जानी चाहिए। बुधवार को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कोविड सेंटरों की व्यवस्थाओं के लिए गठित जिला निगरानी समिति के सदस्यों ने एम्स का दौरा किया, जहां कमेटी के सदस्यों ने कोरोना ग्रसित मरीजों के लिए उपलब्ध उपचार व्यवस्थाओं को करीब से देखा व इस बाबत विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस दौरान एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने उन्हें बताया कि संस्थान के कोविड सेंटर में कोरोना मरीजों की भर्ती व आईसोलेशन के लिए 400 बेड का स्पेशल सेंटर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला मेडिकल संस्थान है जहां कोविड सेंटर में कोरोना वायरस से ग्रसित गंभीर रोगियों के लिए 6 स्पेशल आईसीयू (16 बेड प्रति आईसीयू) बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोविड सेंटर में कोरोना ग्रसित मरीजों के उपचार व निगरानी के लिए 24 घंटे चिकित्सकों की टीमें लगाई गई हैं जो मरीज के स्वास्थ्य पर नजर रखती हैं। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि एम्स में कोरोना से गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों के लिए प्लाज्मा बैंक बनाया गया है,जिसमें संस्थान के ही कोविड से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हेल्थ केयर वर्कर्स द्वारा प्लाज्मा डोनेट किया गया, जिससे अब तक 50 मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी दी जा चुकी है। उन्होंने प्लाज्मा डोनेशन में देहरादून के फोर्सेज के जवानों व हरिद्वार के एनजीओ की भी सराहना की। कमेटी की अगुवाई कर रही सिविल जज अपर डिवीजन व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नेहा कुशवाहा जी ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में कोविड मरीजों के उपचार के लिए मुकम्मल व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान ने कोविड मरीजों के लिए 6 आईसीयू वार्ड ऐसे बनाए गए हैं,जिनमें 16 बेड प्रति वार्ड में व्यवस्था की गई है। उन्होंने कोविड काल में इस स्तर की व्यवस्था को जुटाए जाने को देश के तमाम बड़े अस्पतालों की अपेक्षा अपने आप में बड़ी उपलब्धि बताया। मरीज के तीमारदारों को उनके स्वास्थ्य की जानकारी देने के लिए संवाद हेल्प डेस्क बनाई गई है,जिसके माध्यम से मरीज के अटेंडेंट, परिजन वाट्सएप संदेश व दूरभाष के जरिए चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ से संबंधित मरीज के स्वास्थ्य से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान टीम ने यहां भर्ती कोविड मरीजों से वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा बातचीत की व उनका हाल जाना, साथ ही अस्पताल की व्यवस्थाओं का फीडबैक लिया,जिसमें मरीजों ने अस्पताल में मिल रहे उपचार व अन्य व्यवस्थाओं को बेहतर बताया। उन्होंने लोगों से अपील की कि पब्लिक को समझना होगा कि कोरोना खतरनाक वायरस है,लिहाजा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें व मास्क अनिवार्यरूप से लगाएं। आम नागरिक जरुरी कार्य के लिए ही घर से बाहर निकलें। उन्होंने युवावर्ग द्वारा कोविड 19 वायरस के प्रति बरती जा रही लापरवाही पर गंभीर चिंता जताई। कहा कि सब लोग मिलकर व सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करके ही हम कोरोना को हरा सकते हैं।

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