हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° से मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिंह रावत दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के समसà¥à¤¤ तीरà¥à¤¥à¥‹ व चारा धाम की यातà¥à¤°à¤¾ के रवाना की गयी शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च दशनाम जूना आनंद अखाड़े की पवितà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ छड़ी शनिवार को जागेशà¥à¤µà¤° धाम पहà¥à¤šà¥€à¥¤
रिपोर्ट - गोपाल सिंह रावत
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ गत 17सितमà¥à¤¬à¤° को हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° से मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिंह रावत दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के समसà¥à¤¤ तीरà¥à¤¥à¥‹ व चारा धाम की यातà¥à¤°à¤¾ के रवाना की गयी शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च दशनाम जूना आनंद अखाड़े की पवितà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ छड़ी शनिवार को जागेशà¥à¤µà¤° धाम पहà¥à¤šà¥€à¥¤ जहां पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की ओर से तहसीलदार दिवान सिंह सलाल,कानूनगो गोसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€,गà¥à¤°à¤¾à¤® पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ गोपाल सिंह बिषà¥à¤Ÿ तथा धाम के पà¥à¤°à¤¬à¤‚धक à¤à¤—वान à¤à¤Ÿà¤Ÿà¥ ने तीरà¥à¤¥ पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ नागरिकों के साथ पवितà¥à¤° छड़ी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की । छड़ी के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– महंत शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤—िरि के नेतृतà¥à¤µ में नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के जतà¥à¤¥à¥‡ ने जागेशà¥à¤µà¤° महादेव की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की तथा पवितà¥à¤° छड़ी को दरà¥à¤¶à¤¨ कराया। बताते चले कि जागेशà¥à¤µà¤° धाम à¤à¤—वान शिव के दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶ जà¥à¤¯à¥‹à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग में से à¤à¤• है। यह पà¥à¤°à¤¥à¤® जà¥à¤¯à¥‹à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग है जहां à¤à¤—वान शिव के लिंग रूप की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤¯à¥€ थी। पौराणिक आखà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤—वान शिव तथा सपà¥à¤¤à¤‹à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने यहां तपसà¥à¤¯à¤¾ की थी। जागेशà¥à¤µà¤° धाम बारह जà¥à¤¯à¥‹à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤²à¤¿à¤‚गों में से 8वां है और इसे उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड का पांचवा धाम कहा जाता है। जागेशà¥à¤µà¤° मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में केदारनाथ शैली में बने 125 मनà¥à¤¦à¤¿à¤° है। जिनमें दà¥à¤°à¥à¤—ा,सूरà¥à¤¯,हनà¥à¤®à¤¾à¤¨,कालिका तथा कालेशà¥à¤µà¤° के मà¥à¤–à¥à¤¯ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° है। देवदार के घने जंगलों में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ इस मनà¥à¤¦à¤¿à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पांडवांे ने किया था। लेकिन इतिहासकारों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° 8वीं शताबà¥à¤¦à¥€ में कलूरी और चंद राजाओं ने इसका पà¥à¤°à¥‚णोदà¥à¤µà¤¾à¤° कराया था। रविवार को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ पवितà¥à¤° छड़ी जागेशà¥à¤µà¤° धाम में पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ नैनादेवी के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठनैनीताल रवाना हà¥à¤¯à¥€à¥¤ रातà¥à¤°à¤¿ में पवितà¥à¤° छड़ी गेठिया में पायलट बाबा के आशà¥à¤°à¤® में विशà¥à¤°à¤¾à¤® करेगी।