शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च दशनाम जूना आनंद अखाड़े की पवितà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ छड़ी यातà¥à¤°à¤¾ माता पूरà¥à¤£à¤¾à¤—िरि के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठसोमवार की शाम पहà¥à¤šà¥€,जहां मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¥ˆà¤°à¤µ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में सिदà¥à¤µà¤¬à¤¾à¤¬à¤¾ कालूगिरि के शिषà¥à¤¯ महंत लाल गिरि ने पवितà¥à¤° छड़ी तथा पà¥à¤°à¤®à¥à¤– महंत शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤—िरि महाराज व साधà¥à¤“ं के जतà¥à¤¥à¥‡ का मालà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤°à¥à¤£ कर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च दशनाम जूना आनंद अखाड़े की पवितà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ छड़ी यातà¥à¤°à¤¾ माता पूरà¥à¤£à¤¾à¤—िरि के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठसोमवार की शाम पहà¥à¤šà¥€,जहां मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¥ˆà¤°à¤µ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में सिदà¥à¤µà¤¬à¤¾à¤¬à¤¾ कालूगिरि के शिषà¥à¤¯ महंत लाल गिरि ने पवितà¥à¤° छड़ी तथा पà¥à¤°à¤®à¥à¤– महंत शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤—िरि महाराज व साधà¥à¤“ं के जतà¥à¤¥à¥‡ का मालà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤°à¥à¤£ कर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। कोरोना के महामारी के कारण माता पूरà¥à¤£à¤¾à¤—िरि का मनà¥à¤¦à¤¿à¤° बंद था,इसलिठपवितà¥à¤° छड़ी ने पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° से पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ कर माता का आरà¥à¤¶à¥€à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। मंगलवार को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ पवितà¥à¤° छड़ी टनकपà¥à¤° से चमà¥à¤ªà¤¾à¤µà¤¤ पहà¥à¤šà¥€,जहां पूरà¥à¤µ पालिकाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ तिवारी,पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• अधिकारी अपर जिलाधिकारी डी.à¤à¤¸.मरà¥à¤¤à¥‹à¤²à¤¿à¤¯à¤¾,à¤à¤¸à¤¡à¥€à¤à¤® शà¥à¤°à¥€ गबà¥à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤²,सीओ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ सिंह,कोतवाल धीरेनà¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤°,निरीकà¥à¤·à¤• सोनू सिंह,डा.यशवंत नवल जोशी,राजू बोरा,सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° आदि ने सैकड़ों नागरिकों के साथ पवितà¥à¤° छड़ी का पà¥à¤·à¥à¤ªà¥ वरà¥à¤·à¤¾ कर à¤à¤µà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ तिवारी ने पवितà¥à¤° छड़ी की विधि विधान से पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ कर संतो का आरà¥à¤¶à¥€à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। यहां से पवितà¥à¤° छड़ी जà¥à¤²à¥‚स के रूप में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के देवता के नाम से विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ गोलू देवता के मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में ले जाया गया। गोलू देवता के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के बाद पवितà¥à¤° छड़ी पौराणिक हिंगलाज देवी मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पहà¥à¤šà¥€,जहां दिगमà¥à¤¬à¤° शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त अशोक गिरि ने सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। माता हिंगलाज की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ छड़ी पिथौरागॠके लिठरवाना हà¥à¤¯à¥€à¥¤ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤® गिरि महाराज ने बताया पिथौरागॠमें रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® के बाद पवितà¥à¤° छड़ी नारायण आशà¥à¤°à¤® तथा ओम परà¥à¤µà¤¤ के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठजाà¤à¤—ी।