परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ आपदा नà¥à¤¯à¥‚नीकरण दिवस के अवसर पर पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤®à¤¯ जीवन जीने का संदेश दिया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 13 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर। परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ आपदा नà¥à¤¯à¥‚नीकरण दिवस के अवसर पर पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤®à¤¯ जीवन जीने का संदेश दिया। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· आपदाओं के कारण à¤à¤¾à¤°à¥€ तबाही होती है, जिससे à¤à¤• ओर तो कई लोगों की मौत हो जाती है, वहीं दूसरी ओर अनेकों लोगों का जीवन, घर और रोजगार à¤à¥€ असà¥à¤¤-वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ हो जाता है। आज के दिन आपदा के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ को नà¥à¤¯à¥‚नतम करने हेतॠजनसमà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को जागृत किया जाता है ताकि पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आपदाओं को कम किया जा सके। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि अवैजà¥à¤žà¤¾à¤¾à¤¨à¤¿à¤• विकास, अपà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° और पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पदारà¥à¤¥à¥‹ का अति दोहन करने से दिन-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• घटनायें बà¥à¤¤à¥€ जा रही रही हैं। पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• घटनाओं की वृदà¥à¤§à¤¿ का à¤à¤• बड़ा कारण है। वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के कारण लगà¤à¤— 43 लाख लोगों की मृतà¥à¤¯à¥ हो जाती है जो कि à¤à¤• à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ आंकड़ा है। आपदा तो अचानक होने वाली पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• घटना है जो विधà¥à¤µà¤‚सकारी होती है, जन-धन की हानि होती है तथा वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• कà¥à¤·à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¥€ नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ होता है, जिससे मानवीय, à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ à¤à¤µà¤‚ सामाजिक गतिविधियाठवà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• सà¥à¤¤à¤° पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होती हंै, परनà¥à¤¤à¥ उसके पीछे कई मानवीय गतिविधियां à¤à¥€ होती हैं। कà¥à¤› तो पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• या मानवजनित कारणों से पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संसाधनों के अति दोहन से या लापरवाहियों के कारण à¤à¥€ विधà¥à¤µà¤‚स, अनिषà¥à¤Ÿ, विपतà¥à¤¤à¤¿ या बेहद गंà¤à¥€à¤° घटनायें घटित होती हैं, जिसमें कई बार बहà¥à¤¤ बड़ी मातà¥à¤°à¤¾ में मानव जन जीवन कà¥à¤·à¤¤à¤¿à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हो जाता है। साथ ही पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ और à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• संपतà¥à¤¤à¤¿ दोनों को हानि पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥€ है, साथ ही परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ का à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¥€ मातà¥à¤°à¤¾ में नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ होता है। पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और मानव निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ आपदाओं का गहरा पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ कà¥à¤› कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° पर ही नहीं पूरी समषà¥à¤Ÿà¤¿ पर पड़ता है, यह आपदायें जन-जीवन के लिये खतरा उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करती हैं जिससे देश और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचा पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होता है। विगत दो वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ की बात करें तो लगà¤à¤— 4 करोड लोगों को आपदाओं के कारण अपने घरों को छोड़ना पड़ा।