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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों के अंतर जनदीय तबादले की सूची पर रोक लगा दी है।


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों के अंतर जनदीय तबादले की सूची पर रोक लगा दी है।कोर्ट ने कहा है कि परिषद अध्यापकों के स्थानांतरण के लिए आए आवेदनों पर विचार करना जारी रखें,मगर सूची को अंतिम रूप न दें।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों के अंतर जनदीय तबादले की सूची पर रोक लगा दी है।कोर्ट ने कहा है कि परिषद अध्यापकों के स्थानांतरण के लिए आए आवेदनों पर विचार करना जारी रखें,मगर सूची को अंतिम रूप न दें।दिव्या गोस्वामी और जय प्रकाश शुक्ला सहित तमाम अध्यापकों ने अंतर जनपदीय स्थानांतरण को विभिन्न आधारों पर चुनौती है।याचिका पर न्यायमूर्ति अजीत कुमार सुनवाई कर रहे हैं।कोर्ट ने वकीलों की बहस सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया है।याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा,सीमांत सिंह,अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी,नवीन शर्मा आदि दर्जनों वकीलों ने पक्ष रखा।याचिकाओं में अंतर जनदीय तबादले के तहत पुरुष और महिला अध्यापिकाओं के स्थानांतरण के लिए निर्धारित नियमों और पूर्व के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप है। कहा गया कि स्थानांतरण 2008 की नियमावली के विपरीत किए जा रहे हैं।नई स्थानांतरण नीति में यह प्रावधान है कि एक बार जिसने स्थानांतरण ले लिया,वह दुबारा नहीं ले सकता है,जबकि 2017 के शासनादेश में ऐसा प्रावधान था, जिसे 2018 में हटा लिया गया।अब 2019 के शासनादेश में फिर से वही प्रावधान लागू कर दिया गया। याचीगण का कहना था कि यह नियमित स्थानांतरण नहीं है। जिन अध्यापकों को पूर्व अपने गृह जनपद में पोस्टिंग नहीं मिली उनको दुबारा स्थानांतरण की मांग करने का अधिकार है। इससे उनको वंचित नहीं किया जा सकता है। नियमावली में बदलाव करने का कोई कारण नहीं बताया गया है।

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