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डुप्लीकेट दवाओं के छिड़काव से डेंगू मरने की जगह पनप रहा है?


हजारों लोग डेंगू से पीड़ित है जिले के तमाम हॉस्पिटल डेंगू से पीड़ित मरीजों से भरे हुए हैं। कीटनाशक दवा के छिड़काव के बाद भी पनप रहा है डेंगू जिले में मरीजों को सही उपचार न मिल् पाने के कारण वह देहरादून,जॉली ग्रांट, ऐम्स, जाना पड़ रहा है ।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार में। हजारों लोग डेंगू से पीड़ित है जिले के तमाम हॉस्पिटल डेंगू से पीड़ित मरीजों से भरे हुए हैं। कीटनाशक दवा के छिड़काव के बाद भी पनप रहा है डेंगू जिले में मरीजों को सही उपचार न मिल् पाने के कारण वह देहरादून,जॉली ग्रांट, ऐम्स, जाना पड़ रहा है । इन बड़ें हॉस्पिटलों में मरीजों को रखने की जगह उपलब्ध नहीं है लगभग पूरे उत्तराखंड में साढे 6 हजार लोग डेंगू की चपेट में है जो हॉस्पिटलों में रहकर अपना उपचार करा रहे हैं । राज्य की सरकार डेंगू के प्रति गंभीर दिखाई नहीं देती जिसके कारण सरकार के प्रति लोगों में रोष है क्योंकि सरकार न तो कीटनाशक दवाओं का छिड़काव ही करा पा रही है ना ही इस तरफ इतनी गंभीर दिखाई दे रही है। लोगों का कहना है कि जहां-जहां नगर निगम द्वारा कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है वह दवाई या तो एक्सपायर है या फिर वह डुप्लीकेट है क्योंकि उन दवाइयों के छिड़काव से मच्छर मर नहीं रहे हैं जिस कारण छिड़काव के बाद भी लोग डेंगू से पीड़ित हो रहे हैं प्रशासन केवल बैठकों में ही गंभीर दिखाई दे रहा है जबकि जमीनी स्तर पर बीमारी जस की तस बनी हुई है डुप्लीकेट दवाइयों से मच्छर मर नहीं रहे हैं जबकि सरकार और प्रशासन दावा कर रहा है कि डेंगू के प्रति बहुत गंभीर है लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही नजर आ रही है इसको लेकर सरकार और प्रशासन के प्रति लोगों में रोष है। क्योंकि डेंगू के कारण आए दिन लोगों की जाने जा रही है फिर भी सरकार और प्रशासन इन डुप्लीकेट कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करा रहा है जिनका दवाओं का असर डेंगू पर बिल्कुल नहीं हो रहा है अगर सरकार और प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई तो डेंगू के काटने से काफी लोगों की जान जा सकती है।

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