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नवरात्रि का दूसरा दिन तप और संकल्प शक्ति से आत्मजागरण और राष्ट्रसेवा का संदेश देता है स्वामी चिदानन्द सरस्वती


परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज के ही दिन वर्ष 1931 में दुनिया के महान आविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने इस दुनिया से विदा ली थी, जाने से पहले वे दुनिया को विद्युत बल्ब का अविष्कार कर रोशन कर गये ऐसे महान आविष्कारक को श्रद्धांजलि।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 18 अक्टूबर। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज के ही दिन वर्ष 1931 में दुनिया के महान आविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने इस दुनिया से विदा ली थी, जाने से पहले वे दुनिया को विद्युत बल्ब का अविष्कार कर रोशन कर गये ऐसे महान आविष्कारक को श्रद्धांजलि। थॉमस एल्वा एडिसन ने फोनोग्राफ एवं विद्युत बल्ब सहित अनेकों प्रयोग कर कई उपलब्धियों को हासिल किया जिससे दुनिया भर में लोगों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया। एडीसन बचपन से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे। एडिसन 12 वर्ष की आयु में फलों और समाचारपत्रों के विक्रय का धंधा करके परिवार को प्रति दिन एक डालर की सहायता देने लगे। वे बचपन से ही कई वैज्ञानिक प्रयोग करते रहते थे। तार प्रेषण में निपुणता प्राप्त कर 20 वर्ष की आयु तक, एडिसन ने तार कर्मचारी के रूप में नौकरी की। जीविकोपार्जन से बचे समय को एडिसन प्रयोग और परीक्षण में लगाते थे। स्वामी जी ने कहा कि भारत रत्न डाॅ कलाम भी साधारण परिवार में जन्में और उन्होने भी जीविकोपार्जन के लिये सीपी और समाचार पत्र बेचे परन्तु वे भी असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होने कर्मठता, सादगी, मितव्ययिता और ईमानदारी से एक शिक्षक, साधक, मिसाइल मैन, अग्नि पुरुष से राष्ट्रपति तक की जीवन यात्रा तय की और आज वे अनेकों युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं, रोल मॉडल हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि रोल मॉडल वह व्यक्ति होता है जिनकी तरह बनने की कई युवाओं की अभिलाषा होती है। जैसे- पूज्य संत, महान वैज्ञानिक, लेखक या अन्य कोई राजनेता इत्यादि। यथा स्वामी विवेकानन्द, महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मी बाई, सुभाष चन्द्र बोस, रामानुजम, सी.वी.रमन, जगदीश चंद्र बोस, न्यूटन, अल्बर्ट आईंस्टीन, डाॅ कलाम, सचिन तेंदुलकर, जैसे व्यक्तित्व से युवा प्रभावित हैं और ‘उनके ही जैसा’ बनने की इच्छा रखते हैं। वास्तव में देखें तोे इन महापुरूषों का जीवन संकटों से युक्त था परन्तु उन्होने दुनिया को अपने कार्यो से प्रकाशित कर दिखाया।

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