à¤à¤®à¥à¤¸ ऋषिकेश के हृदय रोग शिशॠशलà¥à¤¯ चिकितà¥à¤¸à¤¾ विà¤à¤¾à¤— के चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ ने दो साल के à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ के दिल का सफलतापूरà¥à¤µà¤• ऑपरेशन कर मिसाल कायम की है। चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° दिल की शलà¥à¤¯ चिकितà¥à¤¸à¤¾ के बाद बचà¥à¤šà¤¾ पूरी तरह से खतरे से बाहर है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ आयà¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤®à¥à¤¸ ऋषिकेश के हृदय रोग शिशॠशलà¥à¤¯ चिकितà¥à¤¸à¤¾ विà¤à¤¾à¤— के चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ ने दो साल के à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ के दिल का सफलतापूरà¥à¤µà¤• ऑपरेशन कर मिसाल कायम की है। चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° दिल की शलà¥à¤¯ चिकितà¥à¤¸à¤¾ के बाद बचà¥à¤šà¤¾ पूरी तरह से खतरे से बाहर है व उसके सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ में तेजी से सà¥à¤§à¤¾à¤° हो रहा है, जलà¥à¤¦ ही मरीज को असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² से छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ दे दी जाà¤à¤—ी। à¤à¤®à¥à¤¸ निदेशक पदà¥à¤®à¤¶à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° रवि कांत जी ने सफलतापूरà¥à¤µà¤• जटिल सरà¥à¤œà¤°à¥€ को अंजाम देने वाली चिकितà¥à¤¸à¤•à¥€à¤¯ टीम की सराहना की है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ मरीजों की सेवा के लिठततà¥à¤ªà¤°à¤¤à¤¾ से कारà¥à¤¯ कर रहा है, मरीजों को à¤à¤®à¥à¤¸ असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में वरà¥à¤²à¥à¤¡ कà¥à¤²à¤¾à¤¸ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ मà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कराई जा रही हैं, जिससे किसी à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को इलाज के लिठराजà¥à¤¯ से बाहर के असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ में नहीं जाना पड़े। निदेशक à¤à¤®à¥à¤¸ पदà¥à¤®à¤¶à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‹. रवि कांत जी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° विशà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ कोरोना महामारी के इस दौर में हमें कोविड19 से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ मरीजों के उपचार के साथ साथ दूसरी बीमारियों से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ मरीजों की à¤à¥€ पूरी चिंता है, जिससे खासकर कैंसर à¤à¤µà¤‚ कॉरà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹ जैसी घातक बीमारियों से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ मरीजों को परेशान नहीं होना पड़े व उनके इलाज में विलंब नहीं हो। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि à¤à¤®à¥à¤¸ में कोरोनाकाल में à¤à¥€ इमरजेंसी व पीडियाटà¥à¤°à¤¿à¤• हारà¥à¤Ÿ सरà¥à¤œà¤°à¥€ जारी रहेंगी। निदेशक पà¥à¤°à¥‹. रवि कांत जी ने बताया कि संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में जलà¥à¤¦ ही डेडिकेटेड पीडियाटà¥à¤°à¤¿à¤• सीटीवीà¤à¤¸ आईसीयू शà¥à¤°à¥‚ किया जा रहा है। जिससे संबंधित बाल रोगियों को राहत मिल सके। à¤à¤®à¥à¤¸ ऋषिकेश के सीटीवीà¤à¤¸ विà¤à¤¾à¤— के पीडियाटà¥à¤°à¤¿à¤• कॉरà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹ थोरेसिक सरà¥à¤œà¤¨ डा. अनीष गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ ने बताया कि कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ मंडल के उधमसिंहनगर निवासी à¤à¤• दो साल के बचà¥à¤šà¥‡ के दिल का सफल ऑपरेशन कर उसे नवजीवन दिया गया है। यदि वकà¥à¤¤ रहते उसके दिल के छेद की सरà¥à¤œà¤°à¥€ नहीं हो पाती तो, धीरे धीरे बचà¥à¤šà¥‡ का शरीर नीला पड़ना शà¥à¤°à¥‚ हो जाता और फिर à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में उसकी सरà¥à¤œà¤°à¥€ à¤à¥€ नहीं हो पाती।जिससे उसका जीवन खतरे में पड़ सकता था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि लॉकडाउन के कारण मरीज को उपचार नहीं मिल पा रहा था व उसके उपचार में अनावशà¥à¤¯à¤• विलंब हो रहा था,जिससे उसके फेफड़ों में पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° बढ़ गया था। पीडियाटà¥à¤°à¤¿à¤• कॉरà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ की पà¥à¤°à¥‹. à¤à¤¾à¤¨à¥ दà¥à¤—à¥à¤—ल व डा. यश शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ ने उसकी à¤à¤‚जियोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ की,जिसमें पता चला कि बचà¥à¤šà¥‡ की सरà¥à¤œà¤°à¥€ हाई रिसà¥à¤• है। मगर पीडियाटà¥à¤°à¤¿à¤• कॉरà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹ थोरेसिक सरà¥à¤œà¤¨ ने बड़ी सूà¤à¤¬à¥‚ठसे उसके जटिल ऑपरेशन को सफलतापूरà¥à¤µà¤• अंजाम तक पहà¥à¤‚चाया और बचà¥à¤šà¥‡ का जीवन बच गया। इस कारà¥à¤¯ में संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के कॉरà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹ à¤à¤¨à¥‡à¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¸à¤¿à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° अजय मिशà¥à¤°à¤¾ ने अपना सहयोग दिया। साथ ही सीटीवीà¤à¤¸ विà¤à¤¾à¤— के डा. अंशà¥à¤®à¤¨ दरबारी व डा. राहà¥à¤² व नरà¥à¤¸à¤¿à¤‚ग विà¤à¤¾à¤— के केशव कà¥à¤®à¤¾à¤° व गौरव कà¥à¤®à¤¾à¤° ने à¤à¥€ सरà¥à¤œà¤°à¥€ करने वाली टीम को सहयोग पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया, जबकि सीटीवीà¤à¤¸ विà¤à¤¾à¤— के परफà¥à¤¯à¥‚जनिसà¥à¤Ÿ तà¥à¤¹à¤¿à¤¨ सà¥à¤¬à¥à¤°à¤¾ व सबà¥à¤°à¥€ नाथन ने सरà¥à¤œà¤°à¥€ के दौरान हारà¥à¤Ÿ लंग मशीन चलाकर मरीज को सहारा दिया। डा. अनीष के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° डाउन सिंडà¥à¤°à¥‹à¤® में बचà¥à¤šà¥‡ के फेफड़े à¤à¥€ कमजोर होते हैं, जिससे सरà¥à¤œà¤°à¥€ में अधिक खतरा रहता है। चार घंटे चली इस सरà¥à¤œà¤°à¥€ में टीम को सफलता मिली व इसके बाद बचà¥à¤šà¥‡ को दो दिनों तक आईसीयू में रखा गया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि अब बचà¥à¤šà¤¾ पूरी तरह से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ है व उसे सामानà¥à¤¯ वारà¥à¤¡ में शिफà¥à¤Ÿ कर दिया गया है। जलà¥à¤¦ ही मरीज को असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² से डिसà¥à¤šà¤¾à¤°à¥à¤œ कर दिया जाà¤à¤—ा। इंसेट कà¥à¤¯à¤¾ हैं वीà¤à¤¸à¤¡à¥€ नामक इस बीमारी के लकà¥à¤·à¤£ चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वेंटà¥à¤°à¤¿à¤•à¥à¤²à¤° सैपà¥à¤Ÿà¤² डिफेकà¥à¤Ÿ (वीà¤à¤¸à¤¡à¥€) दिल में छेद क बीमारी बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में पैदायशी ही होती है। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में इस बीमारी के लकà¥à¤·à¤£ पैदा होने के पहले दो-तीन महीनों में ही आने लगते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि इस बीमारी से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में पैदा होने के बाद से ही निमोनिया, खांसी, जà¥à¤•à¤¾à¤®, बà¥à¤–ार, वजन का न बढ़ना, छोटे बचà¥à¤šà¥‡ को दूध पीने में कठिनाई होना, माथे पर पसीना आना व बचà¥à¤šà¥‡ के बड़े होने पर खेलने कूदने में थकान महसूस करना व सांस फूलना आदि लकà¥à¤·à¤£ पाठजाते हैं। इस बीमारी में सरà¥à¤œà¤°à¥€ बचà¥à¤šà¥‡ के पहले à¤à¤• साल अथवा दूसरे वरà¥à¤· में ऑपरेशन नितांत रूप से कराना जरà¥à¤°à¥€ है। à¤à¤¸à¤¾ नहीं करने पर चार वरà¥à¤· के बाद बचà¥à¤šà¥‡ के फेफड़ों पर पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° काफी बढ़ जाता है,लिहाजा उनकी सरà¥à¤œà¤°à¥€ में हाई रिसà¥à¤• होता है।