नवरातà¥à¤°à¤¿ की अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ और नवमी तिथि पर परमारà¥à¤¥ निकेतन आशà¥à¤°à¤® में विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के लिये विशेष हवन किया गया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेष, 24 अकà¥à¤Ÿà¥‚मà¥à¤¬à¤°à¥¤ नवरातà¥à¤°à¤¿ की अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ और नवमी तिथि पर परमारà¥à¤¥ निकेतन आशà¥à¤°à¤® में विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के लिये विशेष हवन किया गया। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, परमारà¥à¤¥ परिवार के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने फिजीकल डिसटेंसिंग का गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से पालन करते हà¥à¤¯à¥‡ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾, नवरातà¥à¤°à¤¿ संदेश और हवन में सहà¤à¤¾à¤— किया। परमारà¥à¤¥ निकेतन में नौ दिनों सेे चल रही शकà¥à¤¤à¤¿ साधना के अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने सà¤à¥€ साधकों को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि नवरातà¥à¤°à¤¿ आंतरिक शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ à¤à¤µà¤‚ नई ऊरà¥à¤œà¤¾ संचय करने का परà¥à¤µ है; सकारातà¥à¤®à¤• परिवरà¥à¤¤à¤¨ का परà¥à¤µ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के साथ बाहरी वातावरण को à¤à¥€ शà¥à¤¦à¥à¤§ और सà¥à¤µà¤šà¥à¤› रखने का आहृवान किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि माठदà¥à¤°à¥à¤—ाजी की आठवीं शकà¥à¤¤à¤¿ अमोघ और सदà¥à¤¯à¤ƒ फलदायिनी है। इनका वरà¥à¤£ पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ गौर है। इस गौरता की उपमा शंख, चंदà¥à¤° और कà¥à¤‚द के फूल से दी गई है। इनकी आयॠआठवरà¥à¤· की मानी गई है- ‘अषà¥à¤Ÿà¤µà¤°à¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¥‡à¤¦à¥ गौरी।’ इनके समसà¥à¤¤ वसà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤µà¤‚ आà¤à¥‚षण आदि à¤à¥€ शà¥à¤µà¥‡à¤¤ हैं। महागौरी की चार à¤à¥à¤œà¤¾à¤à¤ हैं। इनका वाहन वृषठहै। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अà¤à¤¯ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ और नीचे वाले दाहिने हाथ में तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥‚ल है। ऊपरवाले बाà¤à¤ हाथ में डमरू और नीचे के बाà¤à¤ हाथ में वर-मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ हैं। इनकी मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ अतà¥à¤¯à¤‚त शांत है। माठमहागौरी की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ के समय वे आठवरà¥à¤· की आयॠकी थी. इस कारण उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नवरातà¥à¤° के आठवें दिन पूजने से सà¥à¤– और शानà¥à¤¤à¤¿ मिलती है. à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिठवे अनà¥à¤¨ पूरà¥à¤£à¤¾ के समान है. यही कारण है कि à¤à¤•à¥à¤¤à¤—ण अषà¥à¤Ÿà¤® के दिन कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं की पूजा और समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते हैं. इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤—ण माठमहागौरी की कृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करते हैंै। माठमहागौरी धन वैà¤à¤µ और सà¥à¤– शानà¥à¤¤à¤¿ देने वाली देवी है. सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि नवरातà¥à¤°à¤¿ के अवसर पर कनà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥‚जन और à¤à¥‹à¤œ किया जाता है। यह à¤à¤• अदà¥à¤à¥à¤¤ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है जो बेटियों को जीवन, जीने का अधिकार, गरिमा, समà¥à¤®à¤¾à¤¨, शिकà¥à¤·à¤¾ और संरकà¥à¤·à¤£ देने का संदेश देती है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में कई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर लड़कियों के सामने कई विषमताओं परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ है। बालिकाओं को शिकà¥à¤·à¤¾ का अधिकार, शिकà¥à¤·à¤¾ का महतà¥à¤¤à¥à¤µ, सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ और पोषण, गिरते हà¥à¤ बाल लिंग अनà¥à¤ªà¤¾à¤¤ और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ सहित कई समसà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ हैं जिन पर चितंन करना और उन समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का समाधान करना जरूरी है।