आज विजयदशमी के अवसर पर आदि जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ दशनामी संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ परंपरा के नागा संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ अखाड़ों में शसà¥à¤¤à¥à¤° पूजन का आयोजन उपनगर कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ पंचायती महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ अखाड़े में किया गया ।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 25 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर ।आज विजयदशमी के अवसर पर आदि जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ दशनामी संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ परंपरा के नागा संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ अखाड़ों में शसà¥à¤¤à¥à¤° पूजन का आयोजन उपनगर कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ पंचायती महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ अखाड़े में किया गया ।पिछले 2500 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से दशनामी संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ परंपरा से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ नागा संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ इसी परंपरा का निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ करते हà¥à¤ अपने-अपने अखाड़ों में शसà¥à¤¤à¥à¤° पूजन करते हैं अखाड़ों में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से रखें सूरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ और à¤à¥ˆà¤°à¤µ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ नामक à¤à¤¾à¤²à¥‹ को देवता के रूप में पूजा जाता है वैदिक विधि-विधान के साथ दशनामी संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ इन देवताओं रूपी à¤à¤¾à¤²à¥‹ की पूजा करते हैं इसी परंपरा का निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ करते हà¥à¤ आज दशहरे के रोज शà¥à¤°à¥€ पंचायती महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ अखाड़ा, कनखल में à¤à¥ˆà¤°à¤µ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ और सूरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ नामक à¤à¤¾à¤²à¥‡ देवता के रूप में पूजे गठइसके साथ ही आज के यà¥à¤— केेे हथियार और पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल के कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° केे हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की पूजा मंतà¥à¤°à¥‹à¤šà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ के साथ की गई à¤à¥ˆà¤°à¤µ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ और सूरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ देवता रूपी à¤à¤¾à¤²à¥‡ कà¥à¤‚ठमेले के अवसर पर अखाड़ों की पेशवाई के आगे चलते हैं और इन à¤à¤¾à¤²à¥‹ रूपी देवताओं को कà¥à¤‚ठमें शाही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में सबसे पहले गंगा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कराया जाता है उसके बाद अखाड़ों के आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤°, महामंडलेशà¥à¤µà¤° जमात के शà¥à¤°à¥€ महनà¥à¤¤ और अनà¥à¤¯ नागा साधॠसà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करते हैं इसीलिठविजयादशमी के अवसर पर अखाड़ों में शसà¥à¤¤à¥à¤° पूजन का विशेष महतà¥à¤µ है शà¥à¤°à¥€ पंचायती महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ अखाड़ा के सचिव शà¥à¤°à¥€ महंत रवींदà¥à¤° पà¥à¤°à¥€ महाराज का कहना है कि दशहरे के दिन हम अपने पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ देवताओं और शसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की पूजा करते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आदि जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठशासà¥à¤¤à¥à¤° और शसà¥à¤¤à¥à¤° की परंपरा की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी हमारे देवी देवताओं क हाथों में à¤à¥€ शासà¥à¤¤à¥à¤° विराजमान है विजयदशमी के दिन à¤à¤—वान राम दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रावण का वध किया गया à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ परंपरा में शकà¥à¤¤à¤¿ पूजन की विशेष परंपरा रही है महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ अखाड़े की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ परंपरा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अखाड़े के रमता पंच नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ं का पूजन किया गया आदि गà¥à¤°à¥à¥ शंकराचारà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ परंपरा शà¥à¤°à¥‚ूूू की गई थी सूरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ और à¤à¥ˆà¤°à¤µ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ हमारे à¤à¤¾à¤²à¥‡à¥‡ हैं जिसको हम कà¥à¤‚ठमेले में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कराते हैं उनका पूजन किया जाता है और आज के जो शसà¥à¤¤à¥à¤° है उनका à¤à¥€ पूजन किया जाता है शंकराचारà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को शासà¥à¤¤à¥à¤° और शसà¥à¤¤à¥à¤° में निपà¥à¤£ बनाने के लिठअखाड़ों की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की गई थी जिससे धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ की जाठजो सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ शासà¥à¤¤à¥à¤° में निपà¥à¤£ थे उनको शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ आदि गà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निपà¥à¤£ किया गया इसलिठशासà¥à¤¤à¥à¤° के साथ शसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की पूजा à¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बिना शकà¥à¤¤à¤¿ के हम चल नहीं सकते वैसे ही वैदिक परंपरा में विधान रहा है कि किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का कोई यà¥à¤¦à¥à¤§ रहा है उसमें बिन शसà¥à¤¤à¥à¤° से लड़ा नहीं जा सकता आदि गà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की गई अखाड़ों की परंपरा में शसà¥à¤¤à¥à¤° पूजन का काफी महतà¥à¤µ माना जाता है इसीलिठसदियों से अखाड़े इस परंपरा को निà¤à¤¾ रहे हैं और दशहरे के दिन सà¤à¥€ दशनाम अखाड़ों में शसà¥à¤¤à¥à¤° पूजन किया जाता है और इन शसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को कà¥à¤‚ठकी पेशवाई में सबसे पहले मां गंगा में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कराने के बाद नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की पूरी जमात गंगा में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करती है और दशनाम अखाड़ों के संत शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ-साथ शसà¥à¤¤à¥à¤° चलाने में à¤à¥€ निपà¥à¤£ होते हैं कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में महनà¥à¤¤ विनोद गिरी हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ बाबा दिगंबर बाबा अरà¥à¤œà¥à¤¨ पà¥à¤°à¥€ दिगंबर बाबा सूरà¥à¤¯ मोहन महाराज दिगंबर बाबा विशà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¥€ डॉकà¥à¤Ÿà¤° बाबा आदि ने à¤à¤¾à¤— लिया पूजन तीरà¥à¤¥ पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ पंडित अवधेश à¤à¤—त ने संपनà¥à¤¨ कराया |