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ब्रह्मलीन महंत महेश मुनि महाराज दिव्य संत थे-कपिल मुनि


ब्रह्मलीन महंत महेश मुनि महाराज दिव्य संत थे। जिन्होंने सदा अपना पूरा जीवन लोक कल्याण के कार्यो में समर्पित किया। उक्त उद्गार हरेराम आश्रम के परमाध्यक्ष म.म.स्वामी कपिल मुनि महाराज ने महंत महेश मुनि की स्मृति में आश्रम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, 28 सितम्बर। ब्रह्मलीन महंत महेश मुनि महाराज दिव्य संत थे। जिन्होंने सदा अपना पूरा जीवन लोक कल्याण के कार्यो में समर्पित किया। उक्त उद्गार हरेराम आश्रम के परमाध्यक्ष म.म.स्वामी कपिल मुनि महाराज ने महंत महेश मुनि की स्मृति में आश्रम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संत महापुरूष समाज के मार्गदर्शक होते हैं। उनका जीवन प्रेरणा से परिपूर्ण होता है। महापुरूषों के आदर्शो को आत्मसात कर प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महापुरूषों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन महंत महेश मुनि साक्षात त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव सेवा हेतु समर्पित किया। महंत प्रदीप सिंह बोरेवाले महाराज ने कहा कि महापुरूषों के उपदेश सदैव प्रेरणादायी होते हैं और गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन महंत महेश मुनि महाराज ने भारतीय संस्कृति, संस्कृत एवं राष्ट्र उत्थान के लिए सम्पूर्ण जीवन विश्व भ्रमण कर प्रचार किया। उन्होंने समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर प्रकाशमय किया। उनके द्वारा शुरू किए गए समाज सेवा के प्रकल्पों का संत समाज सदा आभारी रहेगा। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि समाज कल्याण में संत महापुरूषों का योगदान सदैव अग्रणीय योगदान रहा है। मानव सेवा, भारतीय संस्कृति व धर्म का संरक्षण संवर्द्धन और राष्ट्र की एकता अखण्डता बनाए रखना ही संतों का मूल उद्देश्य है। ब्रह्मलीन महंत महेश मुनि महाराज ने अपने जीवनकाल में इन संकल्पों का हमेशा निर्वहन किया। ऐसे महापुरूषों को सम्पूर्ण संत समाज नमन करता है। महंत रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत महेश मुनि महाराज एक दिव्य महापुरूष थे। उन्होंने गंगा तट से अनेक सेवा के प्रकल्प प्रारम्भ कर गरीब असहाय लोगों की सेवा की। महंत जसविन्द्र सिंह व महंत निर्मल दास ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत महेश मुनि दिव्य संत थे। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर सभी को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान प्रदान करना चाहिए। श्रद्धांजलि सभा में मौजूद रहे सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने ब्रह्मलीन महंत महेश मुनि महाराज को महान संत बताते हुए उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प व्यक्त किया। इस अवसर पर संत मंजीत सिंह, महंत सतनाम सिंह, संत रोहित सिंह, महंत जसकरण सिंह, महंत मोहन सिंह, स्वामी जगदीशानंद, स्वामी चिदविलासानंद, महंत प्रेमदास, महंत सुरजीत सिंह, स्वामी पूर्णानन्द गिरी, महंत डोगर गिरी, स्वामी आशुतोष पुरी, स्वामी आलोक गिरी, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, महंत दिनेश दास, महंत श्यामप्रकाश, महंत विनोद महाराज, स्वामी शिवानन्द, स्वामी ऋषि रामकिशन, महंत विष्णुदास, महंत रघुवीर दास, महंत रंजय सिंह आदि सहित पंजाब से हजारों की संख्या में आए श्रद्धालु मौजूद रहे।

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