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इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाथरस के जिलाधिकारी के खिलाफ कोई एकशन न होने पर सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हाथरस क्षेत्र के चर्चित कांड में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म के दौरान मारपीट के बाद मौत के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने इस प्रकरण की जांच कर रही सीबीआइ से जांच की अवधि के बारे में जानकारी मांगी है। अब इस मामले में अगली सुनवार्ई 29 नवंबर को होनी है।इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस पंकज मित्थल और जस्टिस राजन रॉय की पीठ ने हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार के संबंध में राज्य सरकार से पूछा कि विवेचना के दौरान क्या उन्हेंं हाथरस में बनाए रखना निष्पक्ष और उचित है।कोर्ट ने कहा कि हमारे समक्ष भी जो प्रक्रिया चल रही है, उससे वह भी जुड़े हुए हैं। क्या यह उचित नहीं होगा कि सिर्फ निष्पक्षता व पारदर्शीता के लिए इन प्रक्रियाओं के दौरान उन्हेंं कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील एसवी राजू से पूछा कि मामले की जांच जारी है, ऐसे में क्या हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार को उनके पद पर बनाए रखना सही और तर्कसंगत है। पीठ ने राजू से पूछा कि क्या यह बेहतर नहीं होता कि मामले की जांच लंबित होने के दौरान जिलाधिकारी को कहीं और तैनात कर दिया जाता, ताकि मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित होने में कोई संदेह बाकी न रहे। इस पर राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह सरकार को अदालत की इस चिंता से अवगत कराएंगे और मामले की अगली सुनवाई पर इस बारे में लिए गए निर्णय की जानकारी देंगे।

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