à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आज के दिन को ‘राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ दिवस’ या राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤£ दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ 11 नवमà¥à¤¬à¤°, 2008 को हà¥à¤† था तब से मनाया जा रहा है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 11 नवमà¥à¤¬à¤°à¥¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आज के दिन को ‘राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ दिवस’ या राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤£ दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ 11 नवमà¥à¤¬à¤°, 2008 को हà¥à¤† था तब से मनाया जा रहा है। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ दिवस के अवसर पर परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को समावेशी, नैतिक, नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¸à¤‚गत, गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤ªà¤°à¤• और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से यà¥à¤•à¥à¤¤ समगà¥à¤° शिकà¥à¤·à¤¾ देने की जरूरत है। हमारी शिकà¥à¤·à¤¾ और शिकà¥à¤·à¤£ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ à¤à¤¸à¥€ हो जो बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को तनाव से मà¥à¤•à¥à¤¤ रखे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि आंकडों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· कई बचà¥à¤šà¥‡ अपने परीकà¥à¤·à¤¾ परिणाम और पà¥à¤¾à¤ˆ के दबाव के कारण आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ कर लेते है। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिये घर के बाद विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¤• सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ जगह होती है, जहां पर रहकर वे शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ-साथ जीवन जीने का तरीका à¤à¥€ सिखते है; बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को घर के बाद बाहर की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤•à¥‚ल ही कराते है इसलिये सà¥à¤•à¥‚ल और शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤¸à¥€ हो जो तनाव से मà¥à¤•à¥à¤¤ रखंे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि शिकà¥à¤·à¤¾ के माधà¥à¤¯à¤® से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को विचार मिलते है जिससे उनका मानसिक विकास होता है इसलिये शिकà¥à¤·à¤¾ की गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ में सà¥à¤§à¤¾à¤° करना नितांत आवशà¥à¤¯à¤• है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि बचà¥à¤šà¥‡ केवल अपने परिवार की ही धरोहर नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ वे अपने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के साथ-साथ पूरे विशà¥à¤µ की धरोहर है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में जो ननà¥à¤¹à¥‡à¤‚-ननà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ बड़े हो रहे है उनको शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ संसà¥à¤•à¤¾à¤°, शानà¥à¤¤à¤¿, करूणा और सामनà¥à¤œà¤¸à¥à¤¯ जैसे गà¥à¤£à¥‹à¤‚ के साथ पोषित करना जरूरी है। आज हम उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जैसी शिकà¥à¤·à¤¾ और संसà¥à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर रहे है वैसे ही à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ वें करेंगे इसलिये बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की शिकà¥à¤·à¤¾, आहार-विहार और उनके साथ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° संसà¥à¤•à¤¾à¤° से यà¥à¤•à¥à¤¤ होना चाहिये। साथ ही बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ ही कौशलपरक शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की जानी चाहिये जिससे शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ ही बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में आजीविका का हà¥à¤¨à¤° à¤à¥€ आ जायेगा इससे उनके अनà¥à¤¦à¤° आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ के गà¥à¤£ विकसित होंगे तथा नैतिक शिकà¥à¤·à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से पोषित करेंगी।