अयोधà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने राम का सà¥à¤µà¤¾à¤—त घी के दीपक जलाकर किया
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि रावण की लंका का दहन कर 14 वरà¥à¤· का वनवास काटकर à¤à¤—वान राम अपने घर लौटे थे। इसी खà¥à¤¶à¥€ में पूरी पà¥à¤°à¤œà¤¾ ने अयोधà¥à¤¯à¤¾ में अपने राम का सà¥à¤µà¤¾à¤—त घी के दीपक जलाकर किया। राम के à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने पूरी अयोधà¥à¤¯à¤¾ को दीयों की रोशनी से à¤à¤° दिया था।दीवाली के दिन को मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ के जनà¥à¤® दिवस के तौर पर मनाया जाता है। वहीं, यह à¤à¥€ माना जाता है कि दीवाली की रात को ही मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ ने à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ से शादी की थी। इस दिन शà¥à¤°à¥€ गणेश, मां लकà¥à¤·à¥â€à¤®à¥€ और मां सरसà¥â€à¤µà¤¤à¥€ की पूजा का विधान है। मानà¥â€à¤¯à¤¤à¤¾ है कि विधि-विधान से पूजा करने पर दरिदà¥à¤°à¤¤à¤¾ दूर होती है और सà¥à¤–-समृदà¥à¤§à¤¿ तथा बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ का आगमन होता है। हिंदà¥à¤“ं के अलावा सिख, बौदà¥à¤§ और जैन धरà¥à¤® के लोग à¤à¥€ दीवाली धूमधाम से मनाते हैं।