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पूजा सामाग्री, मूर्ति एवं धार्मिक चढ़ावे को गंगा में विसर्जन करने पर 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना 5 वर्ष की सजा : एन0जी0टी0


आगामी त्यौहारी सीजन के दृष्टिगत जल निकायों में पूजा सामाग्री, मूर्ति एवं धार्मिक चढ़ावे आदि के विसर्जन को निषिद्ध किया गया है। एन.जी.टी. के निर्देशानुसार आदेशों का उल्लघंन करने पर नियमानुसार 50 हजार की पर्यावरण क्षतिपूर्ति आरोपित की जायेगी तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 का उल्लघंन करने पर 05 वर्ष की सजा एवं एक लाख तक का अर्थदण्ड अथवा दोनों आरोपित किये जायेंगे।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

पौड़ी/दिनांक 19 नवम्बर, 2020, आगामी त्यौहारी सीजन के दृष्टिगत जल निकायों में पूजा सामाग्री, मूर्ति एवं धार्मिक चढ़ावे आदि के विसर्जन को निषिद्ध किया गया है। एन.जी.टी. के निर्देशानुसार आदेशों का उल्लघंन करने पर नियमानुसार 50 हजार की पर्यावरण क्षतिपूर्ति आरोपित की जायेगी तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 का उल्लघंन करने पर 05 वर्ष की सजा एवं एक लाख तक का अर्थदण्ड अथवा दोनों आरोपित किये जायेंगे। अपर जिलाधिकारी जनपद गढ़वाल डाॅ. एस.के.बरनवाल ने सभी संबंधित अधिकारियों को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार एवं पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा आगामी त्यौहारी सीजन के दृष्टिगत जल निकायों में पूजा सामाग्री, मूर्ति एवं धार्मिक चढ़ावे आदि के विसर्जन निषिद्ध के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करवाने को कहा। कहा कि नियमानुसार अग्रेत्तर आवश्यक कार्यवाही करते हुए तथा जन सामान्य को भी जागरूक करना सुनिश्चित करें। साथ ही प्रतिमाह अधिरोपित होने वाली दण्ड की सूचना सहित की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से जिलाधिकारी कार्यालय, पौड़ी गढ़वाल को भी अवगत कराना सुनिश्चित करें।

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