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10 अक्टूबर को होगी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज महाकुंभ के आयोजन को लेकर दस अक्टूबर को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में सभी तेरह अखाड़ों के संत महंतों के साथ बैठक कर 2021 के महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा करेंगे।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार, 7 अक्टूबर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज महाकुंभ के आयोजन को लेकर दस अक्टूबर को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में सभी तेरह अखाड़ों के संत महंतों के साथ बैठक कर 2021 के महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा करेंगे। 12 अक्टूबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी के नेतृत्व में श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन में सभी तेरह अखाड़ों के संतों की प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व मेला अधिकारी सहित तमाम अधिकारियों के साथ बैठक होगी। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने दूरभाष पर बताया कि दस अक्टूबर को होने वाली बैठक की तैयारियां की जा रही हैं। बैठक के पूर्व सभी संत महंत हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन कर मां गंगा से महाकुंभ सकुशल संपन्न कराने की प्रार्थना करेंगे। सभी तेरह अखाड़ों के संतों महंतों से महाकुंभ मेला 2021 की तैयारियों को लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेले की व्यवस्थाएं संतो महंतों व अखाड़ों के अनुरूप होनी चाहिए। बिजली, पानी सड़क, पार्किंग, शौचालय, सफाई, सुरक्षा आदि की चाक चैबंद व्यवस्थाएं मेला क्षेत्र में लागू होनी चाहिए। जिससे बाहर से आने वाले लाखों संतों व करोड़ों श्रद्धालुओं को कुंभ मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। नरेंद्र गिरी महाराज ने राज्य सरकार से कहा कि स्थायी कार्य अधिक से अधिक से होने चाहिए। जिसका लाभ प्रदेश की जनता को मिल सके। आधे अधूरे निर्माण कार्यो अतिशीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। हाईवे निर्माण के साथ साथ फ्लाईओवर के निर्माण में भी तेजी लायी जाए। जिससे महाकुंभ मेला 2021 में किसी प्रकार का विघ्न उत्पन्न ना हो। लाखों करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों के साथ साथ संत महापुरूष भी भाग लेते हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार को मेले की व्यवस्थाओं को पूर्ण कर लेना चाहिए। दस अक्टूबर को होने वाली तेरह अखाड़ों की यह बैठक महत्वपूर्ण होगी। तेरह अखाड़ों के संतों महंतों से मेले की तैयारियों को लेकर सुझाव भी लिए जाएंगे।

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