नठकृषि कानूनों के विरà¥à¤¦à¥à¤§ चल रहे पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ को लेकर बने गतिरोध को तोड़ने की कोशिश में आज केंदà¥à¤° सरकार और किसान नेताओं के बीच पांचवें दौर की बातचीत बिना किसी नतीजे के खतà¥à¤® हो गई।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
नठकृषि कानूनों के विरà¥à¤¦à¥à¤§ चल रहे पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ को लेकर बने गतिरोध को तोड़ने की कोशिश में आज केंदà¥à¤° सरकार और किसान नेताओं के बीच पांचवें दौर की बातचीत बिना किसी नतीजे के खतà¥à¤® हो गई। अब दोनों पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ में छठे दौर की वारà¥à¤¤à¤¾ 9 दिसंबर को होगी। इस दौरान सरकार ने आंदोलनकारी किसानों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से कहा कि उनकी चिंताओं पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दिया जा रहा है, लेकिन किसान संगठनों के नेता कानूनों को निरसà¥à¤¤ करने की अपनी मांग पर अड़े रहे और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बातचीत बीच में छोड़ने की चेतावनी दी। हालांकि, सरकार किसान नेताओं को वारà¥à¤¤à¤¾ जारी रखने के लिठमनाने में सफल रही। किसानों का दावा है कि इन कानूनों से मंडी और नà¥à¤¯à¥‚नतम समरà¥à¤¥à¤¨ मूलà¥à¤¯ (à¤à¤®à¤à¤¸à¤ªà¥€) की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ समापà¥à¤¤ हो जाà¤à¤—ी।