लकड़ी से लेकर पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤•, सà¥à¤Ÿà¥€à¤²,कपड़े व अनà¥à¤¯ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं पर कोरोना वायरस अलग-अलग दिनों तक सरà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤µ करता है, लेकिन ठहरे हà¥à¤ पानी में यह वायरस 10 दिनों तक जीवित रह सकता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
लकड़ी से लेकर पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤•, सà¥à¤Ÿà¥€à¤²,कपड़े व अनà¥à¤¯ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं पर कोरोना वायरस अलग-अलग दिनों तक सरà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤µ करता है, लेकिन ठहरे हà¥à¤ पानी में यह वायरस 10 दिनों तक जीवित रह सकता है।साथ ही सपà¥à¤²à¤¾à¤ˆ और नल के पानी में à¤à¥€ इतने ही दिनों तक सरà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤µ कर सकता है। विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सीवेज वाटर में यह दो से चार दिनों तक जीवित रह सकता है।à¤à¤°à¤¿à¤œà¥‹à¤¨à¤¾ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के नेशनल साइंस फाउंडेशन वॉटर कà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ सेंटर की ओर से किठगठशोध में यह बात सामने आई है।à¤à¤¸à¤œà¥€à¤ªà¥€à¤œà¥€à¤†à¤‡ व लोहिया संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के विशेषजà¥à¤ž बताते हैैं कि इस शोध के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° यदि नल के पानी व बेसिन या सपà¥à¤²à¤¾à¤ˆ के पानी में कोरोना वायरस आ चà¥à¤•à¤¾ है तो यह सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के शरीर में पहà¥à¤‚चकर उसे संकà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ कर सकता है।विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का दावा है कि फिलà¥à¤Ÿà¤° व गैर फिलà¥à¤Ÿà¤° टैप वाटर (नल या सपà¥à¤²à¤¾à¤ˆ के पानी)अथवा ठहरे हà¥à¤ जल में कोरोना वायरस चार से 23 डिगà¥à¤°à¥€ तक के तापमान पर 10 दिनों तक व सीवेज वाटर में यह 23 डिगà¥à¤°à¥€ तापमान तक दो से चार दिनों तक जीवित रह सकता है।यहां वायरस के सरà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤µà¤² में तापमान के अलावा उसमें मौजूद आरà¥à¤—ेनिक मैटर का लेवल व पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¥€ बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ काफी अहम होता है। विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कोरोना वायरस पोलियो वायरस-1की तरह ही सरà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤µ करता है, लेकिन फरà¥à¤• यह है कि पोलियो का वायरस कोरोना से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दिनों तक टैप और सीवेज के वाटर में जीवित रहता है।