Latest News

गंगा के कार्यक्रमों में हजारों करोड़ रुपए खर्च हुए, गंदे नाले बंद नहीं हुए?


गंगा जी की बात करने वाली सरकार अब गंगा के नाम पर मौन होने लगी है गंगा के मुद्दे को लेकर सरकार प्रथम बार बनी थी लेकिन आज साडे 6 वर्ष बाद भी गंगा निर्मल एवं अविरल करने वाली सरकार गंगा के नाले तक बंद नहीं कर पाई है।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

गंगा जी की बात करने वाली सरकार अब गंगा के नाम पर मौन होने लगी है गंगा के मुद्दे को लेकर सरकार प्रथम बार बनी थी लेकिन आज साडे 6 वर्ष बाद भी गंगा निर्मल एवं अविरल करने वाली सरकार गंगा के नाले तक बंद नहीं कर पाई है बल्कि राज्य सरकार गंगा किनारे शराब की फैक्ट्रियां खोलकर दूषित अवश्य कर रही है एक तरफ राज्य की सरकार प्रदेश को नशा मुक्त बनाना चाहती है नशा मुक्ति अभियान के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और दूसरी तरफ जगह-जगह शराब की फैक्ट्रियां लगाकर मोटा पैसा कमाने की जुगत में लगी हुई है यह सरकार के दो चेहरे समाज के सामने हैं क्या उसके मन में वाकई नशा मुक्त राज्य बनाने के मन में है ? अगर राज्य की सरकार राज्य को नशा मुक्त बनाना चाहती तो क्या प्रदेश में दर्जनभर शराब की फैक्ट्रियां लगाती यह एक सोचने का विषय है लेकिन राज्य की जनता बहुत ही समझदार है वह जानती है कि सरकार के दोहरे चेहरे को कि कितना बेवकूफ बना रही है एक तरफ तो नुक्कड़ नाटक व जगह-जगह नशा मुक्ति सभाएं कर अभियान चला रही है और उसके प्रसार प्रचार के लिए करोड़ों रुपए खर्च भी कर रही है वहीं दूसरी तरफ शराब की दर्जनों फैक्ट्रियां लगाकर करोड़ों रुपए कमाने के भी रास्ते खोल रही है लेकिन यह सरकार का दोहरा चोरा जनता के सामने आ गया है इस नशे की वजह से युवा नशे में डूब रहे हैं उनकी जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं परिवार खत्म हो रहे हैं परिवारों में रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं इधर गंगा को अविरल निर्मल करने वाली सरकार है गंगा किनारे शराब की फैक्ट्री लगा कर गंगा और पर्यावरण को दूषित कर ने में भी कोई कमी नहीं छोड़ रही है सरकार टेपिंग नालों को भी गंगा में जाने से रोकने में नाकाम साबित हो रही है जब क्यों नालों पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं उसके बावजूद भी गंगा में लगातार सीवर गिर रहा है करोड़ों लोगों की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है अखबारों एवं चैनलों के माध्यम से गंगा की स्वच्छता का दावा करने वाली सरकार जमीनी तौर पर कुछ भी कर नहीं पा रही है गंगा के नाम पर केवल पैसा लूट हो रही है जगह-जगह गंगा किनारे गंदगी या गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक हजारों गंदे नाले गंगा में गिर रहे हैं लेकिन उन पर कोई कार्य नहीं हो रहा है अधिकारियों पर विश्वास कर सरकारें अपनी पीठ थपथपा ने में लगी है कि गंगा स्वच्छ और अविरल हो रही है जबकि सच्चाई कुछ और ही है सच्चाई सरकार तक पहुंच नहीं पा रही है जिस दिन गंगा कार्यों की जांच होगी उस दिन सच्चाई सामने आ जाएगी ? लेकिन सरकार का यह ड्रामा लोगों की समझ में आ गया है कि गंगा के नाम पर कितना मोटा कमाया जा रहा है?

Related Post