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संस्कृत विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ के एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।


उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉ. राजुल एल देसाई ने विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ के एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉ. राजुल एल देसाई ने विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ के एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। राष्ट्रीय महिला आयोग सदस्य डॉ. राजुल एल देसाई ने कहा कि भारत सरकार एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा निदेशानुसार प्रत्येक विश्वविद्यालय में आंतरिक समिति का गठन होना आवश्यक है। यह समिति कार्य स्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न, उनके शोषण तथा लैंगिक भेदभाव के संबंध में शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई करेगी। महिलाएं सीधे राष्ट्रीय महिला आयोग को भी शिकायत भेज सकती है जिसका निस्तारण विधिक प्रक्रिया के तहत न्यूनतम समय में किया जाता है। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान आंतरिक एवं लोकल समिति के गठन का प्रावधान बताते हुए कहा कि इसमें एन जी ओ तथा कानून के विशेषज्ञों का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आंतरिक समिति के साथ ही लोकल समिति भी इसी प्रकार कार्य करेगी, जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे। शिकायत कर्ता की गोपनीयता कि रक्षा करना भी आंतरिक समिति का कार्य है जिससे शिकायत कर्ता को हानि न हो। उन्होंने निर्देश दिया कि आंतरिक समिति द्वारा सभी आवश्यक दस्तावेजों एवं अभिलेखों का संकलन रखा जाय। कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय में आकर बड़ी प्रसन्नता हो रही है। यह विश्वविद्यालय संस्कृत शिक्षा के साथ ही संस्कारों कि शिक्षा भी प्रदान करता है। आयोग की सदस्य विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ के कार्यों से संतुष्ट दिखीं। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. प्रतिभा शुक्ला ने महिला प्रकोष्ठ की कार्य प्रणाली से आयोग की सदस्य को अवगत कराया।कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर देवीप्रसाद त्रिपाठी एवं कुलसचिव गिरीश अवस्थी भी उपस्थित रहे। स्वागत भाषण डा. सुमन प्रसाद भट्ट ने किया। वैदिक मंगलाचरण डॉ. अरुण कुमार मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संचालन प्रकोष्ठ की सदस्य डॉ. विंदुमती द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर प्रकोष्ठ की सचिव डॉ. मीनाक्षी सिंह, मनमीत कौर, डॉ. उमेश कुमार शुक्ल, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि एवं जिला बाल विकास विभाग के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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