दीकà¥à¤·à¤¾ के बाद आचारà¥à¤¯ म.म. सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी ने अपनायी संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾-राजराजेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤®
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 1 जनवरी। जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ शंकराचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ राजराजेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® से दीकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ अगà¥à¤¨à¤¿ अखाड़े के महामंडलेशà¥à¤µà¤° और दकà¥à¤·à¤¿à¤£ काली पीठाधीशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ में शामिल हो गà¤à¥¤ 14 जनवरी को उनका निरंजनी अखाड़े के आचारà¥à¤¯ महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° पद पर अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• किया जाà¤à¤—ा। दीकà¥à¤·à¤¾ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ उनका नया नामकरण किया गया। अब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी के नाम जाना जाà¤à¤—ा। शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को जगजीतपà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आदà¥à¤¯ शकà¥à¤¤à¤¿ महाकाली आशà¥à¤°à¤® में जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ के साथ ही उनका पहला सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ दिवस मनाया गया। कनखल में आदà¥à¤¯ शकà¥à¤¤à¤¿ पीठआशà¥à¤°à¤® में जगतगà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ राजराजेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® के सानिधà¥à¤¯ में कैलाशानंद गिरी का जनà¥à¤® दिवस और सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ दिवस मनाते हà¥à¤ पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की गई। जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ राजराजेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® ने कहा कि कैलाशानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ ने 2008 में मà¥à¤à¤¸à¥‡ दीकà¥à¤·à¤¾ लेने के लिठकहा था। उस समय उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कहा था कि समय आने पर ही यह सब कà¥à¤› होगा। आज वह दिन à¤à¥€ आ गया। कैलाशानंद के जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ के साथ ही संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ का पहला दिन à¤à¥€ है। शंकराचारà¥à¤¯ ने अपना शिषà¥à¤¯ बनाते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ दीकà¥à¤·à¤¾ लेने के साथ ही कैलाशानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ अब संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ बन गà¤à¥¤ अब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कैलाशानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ नहीं कैलाशानंद गिरी के नाम से जाना जाà¤à¤—ा। शà¥à¤°à¥€ पंचायती निरंजनी अखाड़ा के सचिव व मां मनसा देवी मंदिर टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने बताया कि निरंजनी अखाड़ा के आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° के पद पर कैलाशानंद गिरि महाराज आसीन होंगे। उनका पटà¥à¤Ÿà¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• 14 जनवरी मकर सकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के दिन होगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ से कैलाशानंद गिरि ने दीकà¥à¤·à¤¾ ली है। अब निरंजनी अखाड़े के जितने à¤à¥€ नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ व अनà¥à¤¯ संत होंगे, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° के रूप में कैलाशानंद दीकà¥à¤·à¤¾ देंगे। अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के महामंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त हरि गिरी महाराज ने कहा कि इषà¥à¤Ÿ देव à¤à¤—वान कारà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥‡à¤¯ के बाद अखाड़ों में आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सबसे बड़े होते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° बनने वाले बहà¥à¤¤ ही विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ और बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ होने के साथ ही पूरे देश में उनका यश समेत सà¤à¥€ गà¥à¤£ होते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि तड़के 6 बजे पिंडदान तरà¥à¤ªà¤£ सà¤à¥€ परंपराà¤à¤‚ पूरी करने के बाद कैलाशानंद गिरी को दीकà¥à¤·à¤¾ दी गई। कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ लेने के लिठअखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नरेंदà¥à¤° गिरि महाराज, महामंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त हरि गिरी महाराज और शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने मà¥à¤à¥‡ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ दी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ही मà¥à¤à¥‡ कहा था कि आपको आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° बनना है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ वही होता है जिसमें सेवा का à¤à¤¾à¤µ हो। महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के चरणों में नतमसà¥à¤¤à¤• होकर उनके हर निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ का पालन करें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अब से मैं 45 वरà¥à¤· में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर गया। मेरे जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ के साथ ही आज से सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ का पहला दिन à¤à¥€ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अगà¥à¤¨à¤¿ अखाड़े के बाद अब मेरा जीवन शà¥à¤°à¥€ पंचायती निरंजनी अखाड़े के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहेगा। लेकिन जब à¤à¥€ अगà¥à¤¨à¤¿ अखाड़े को मेरी जरूरत होगी तो मैं हर सेवा करने के लिठतैयार रहूंगा। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त राम रतन गिरी महाराज, महंत राधेशà¥à¤¯à¤¾à¤® गिरि महाराज, महंत मनीष à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ महाराज, महंत नरेश गिरि महाराज, महंत सà¥à¤–देव पà¥à¤°à¥€ महाराज, महंत नीलकंठगिरि महाराज, महंत लखन गिरी, महंत ओमकार गिरी, महंत गंगा गिरि महाराज, महंत रतà¥à¤¨à¤—िरी महाराज, महंत अनà¥à¤œ पà¥à¤°à¥€ महाराज, महंत राजेंदà¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ महाराज आदि संत-महंत उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।