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हरिद्वार जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में अतिक्रमण हटाने को लेकर अपर नगर आयुक्त को लगाई फटकार


सी रविशंकर की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन कैम्प कार्यालय रोशनाबाद में किया गया।

रिपोर्ट  - ALL NEWS BHARAT

            हरिद्वार। जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन कैम्प कार्यालय रोशनाबाद में किया गया। कार्यक्रम निदेशक राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप, नमामि गंगे द्वारा जिलाधिकारी/ अध्यक्ष जिला गंगा संरक्षण समिति हरिद्वार को निर्देशित किया गया था कि स्थानीय निकाय, पंचायती राज अथवा इच्छुक गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा घाटों के रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के प्रस्ताव पर स्थानीय स्तर पर आम सहमति बनायें। मुख्यमंत्री ने भी ऐसी अपेक्षा की थी कि घाटों के रख-रखाव व व्यवस्था स्थानीय नगर निगमों, नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत/ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाये। इस सम्बंध में बैठक में तैयार प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया गया। लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता रामेश्वर गौड़ द्वारा अतिक्रमण उठाये गए मुद्दे को लेकर जिकाधिकारी ने अपर नगर आयुक्त को फटकार लगाई और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए अपर नगर आयुक्त ने हर की पौड़ी पर अवैध अतिक्रमण जल्द हटाने की कार्यवाही करने को कहा। व बैठक में गंगा किनारे बनी गौ शालाओं पर कार्यवाही करने निर्देश भी दिए। बैठक में अध्यक्ष जिला गंगा संरक्षण समिति जिलाधिकारी हरिद्वार के अधीन गंगा घाटों के प्रबंधन कार्य के लिए एक अनुश्रवण समिति का भी गठन किया गया। उक्त समिति के अध्यक्ष नगर आयुक्त सहित सिंचाई विभाग उत्तरखण्ड, सिंचाई विभाग उत्तप्रदेश, उपजिलाधिकारी हरिद्वार मुख्य कोषाधिकारी, जिला गंगा सरंक्षण समिति, पुलिस विभाग द्वारा नामित प्रतिनिधि सदस्य होंगे। गंगा घाटों पर सफाई, सौन्दर्य व सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कोई संस्था अथवा व्यक्ति गंगा घाटों के रखरखाव के कार्यो के लिए आवेदन कर सकेगा। उक्त प्रबंधन समिति के रख-रखाव व नियमानुसार कार्य किये जाने संबधि कार्याे का अनुश्रवण समिति द्वारा किया जायेगा। रख-रखाव के लिए दो पालियों में बहुद्देशीय कर्मचारी की तैनाती, संपर्क के साधन, घाटों का सौंदर्यीकरण, पेंटिंग, मरम्मत, कूडे़दान, कपड़ा एवं पुष्प् कलश, सूचना पट्ट, चंेजिंग रूम अस्थाई विश्राम स्थल आदि के प्रस्ताव पर विचार विमर्श हुआ। शीघ्र ही जनपद में घाटों के रख-रखाव व प्रबंधन कार्य इच्छुक व्यक्ति अथवा संस्था के माध्यम से संचालित कराये जाने की योजना है।                                

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