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हरिद्वार हर की पौड़ी गंगा किनारे अतिक्रमण को लेकर जिलाधिकारी ने निगम अधिकारी को जमकर फटकार लगाई


बैठक में समिति सदस्य ने संबेदनशील हरकी पौड़ी क्षेत्र में लगातार हो रहे अतिक्रमण और तीर्थ श्रदालुओं से की जा रही उगाही का मुद्दा उठाया गया इस पर नगर निगम के अधिकारी जिलाधिकारी को कोई संतोष जनक उत्तर नहीं दे पाए इससे आहत जिलाधिकारी ने निगम अधिकारियों को जमकर लताड़ा|

रिपोर्ट  - à¤…जय शर्मा

हरिद्वार (अजय शर्मा) जिला मुख्यालय रोशनाबाद में आज जिलाधिकारी सी.रवि शँकर की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में रख-रखाव के लिए दो पालियों में बहुद्देशीय कर्मचारी की तैनाती, संपर्क के साधन, घाटों का सौंदर्यीकरण, पेंटिंग, मरम्मत, कूडे़दान, कपड़ा एवं पुष्प् कलश, सूचना पट्ट, चंेजिंग रूम अस्थाई विश्राम स्थल आदि के प्रस्ताव पर विचार विमर्श हुआ। बैठक में समिति सदस्य ने संबेदनशील हरकी पौड़ी क्षेत्र में लगातार हो रहे अतिक्रमण और तीर्थ श्रदालुओं से की जा रही उगाही का मुद्दा उठाया गया इस पर नगर निगम के अधिकारी जिलाधिकारी को कोई संतोष जनक उत्तर नहीं दे पाए इससे आहत जिलाधिकारी ने निगम अधिकारियों को जमकर लताड़ा और गहरी नाराजगी जाहिर की | आपको बता दें कि अति भीड़- भाड़ वाले हरकी पौड़ी क्षेत्र और इसके आसपास अतिक्रमणों की भरमार है निगम व अन्य विभागों के अधिकारी आपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने की बजाए अतिक्रमणों को बढ़ाबा दे रहे हैं जिन अधिकारीयों पर गंगा के किनारे हो रहे अवैध निर्माणों व सार्जनिक सम्पति पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की जिम्मेदारी है वही अधिकारी और विभाग अवैध निर्माण व अतिक्रमण संरक्षण दे रहे है इस संबंध में जब यह प्रकरण जिलाधिकारी के सामने लाया गया और उनको अवगत कराया कि आप श्रीमान व वरिष्ठ अधीक्षक पुलिस हरिद्वार माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड के आदेश पर हर की पौड़ी छेत्र मनसा देवी मन्दिर छेत्र व चंडीदेवी की व्यवस्था भी देख रहे है लेकिन इस छेत्रों में भारी मात्रा में अतिक्रमण व कच्चे-पक्के निर्माण है हरकी पौड़ी सार्वजनिक स्थल पर करीब 100 से अधिक तख्त/स्टाल आदि लगाकर अतिक्रमण किया गया है और वर्ष 2018 में आप जिलाधिकारी को की गई शिकायत के आधार पर पूर्व नगर आयुक्त नितिन सिंह भदौरिया(आई.ए. एस) ने स्पस्ट किया है कि तख्तों की स्वीकृति के सम्बंध में कोई अभिलेख नगर निगम में उपलब्ध नहीं हैं म्यु.बायलॉज के अनुसार अबैध रूप से तीर्थ यात्रियों से की जा रही उगाही पर रोक लगाकर अबैध रूप से रखे हुए तख्तों को हटाया जाए लेकिन इसके बाद भी न तो अबैध बसूली बंद हुई और न ही अबैध रूप से रखे गए तख्तों को हटाया गया है। इस पर बैठक में जिलाधिकारी ने उपस्थित नगर निगम के अधिकारीयों से जानना चाहा की क्या तख्तों का अतिक्रमण हर की पौड़ी व अन्य घाटों से हटा दिया गया है तो अधिकारीयों ने बताया की पूर्व में अतिक्रमण हटा दिया गया था लेकिन प्रभावशाली लोगों ने पुनः कर लिया है इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए जमकर निगम अधिकारी को फटकार लगाई और जल्द से जल्द गंगा घाटों से व उसके आस-पास के अतिक्रमण को तत्काल हटाने को कहा | जिलाधिकारी/ अध्यक्ष जिला गंगा संरक्षण समिति हरिद्वार को निर्देशित किया गया था कि स्थानीय निकाय, पंचायती राज अथवा इच्छुक गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा घाटों के रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के प्रस्ताव पर स्थानीय स्तर पर आम सहमति बनायें। मुख्यमंत्री ने भी ऐसी अपेक्षा की थी कि घाटों के रख-रखाव व व्यवस्था स्थानीय नगर निगमों, नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत/ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाये। इस सम्बंध में बैठक में तैयार प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में अध्यक्ष जिला गंगा संरक्षण समिति जिलाधिकारी हरिद्वार के अधीन गंगा घाटों के प्रबंधन कार्य के लिए एक अनुश्रवण समिति का भी गठन किया गया। उक्त समिति के अध्यक्ष नगर आयुक्त सहित सिंचाई विभाग उत्तरखण्ड, सिंचाई विभाग उत्तप्रदेश, उपजिलाधिकारी हरिद्वार मुख्य कोषाधिकारी, जिला गंगा सरंक्षण समिति, पुलिस विभाग द्वारा नामित प्रतिनिधि सदस्य होंगे। गंगा घाटों पर सफाई, सौन्दर्य व सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कोई संस्था अथवा व्यक्ति गंगा घाटों के रखरखाव के कार्यो के लिए आवेदन कर सकेगा। उक्त प्रबंधन समिति के रख-रखाव व नियमानुसार कार्य किये जाने संबधि कार्यों का अनुश्रवण समिति द्वारा किया जायेगा। रख-रखाव के लिए दो पालियों में बहुद्देशीय कर्मचारी की तैनाती, संपर्क के साधन, घाटों का सौंदर्यीकरण, पेंटिंग, मरम्मत, कूडे़दान, कपड़ा एवं पुष्प् कलश, सूचना पट्ट, चेंजिंग रूम अस्थाई विश्राम स्थल आदि के प्रस्ताव पर विचार विमर्श हुआ। शीघ्र ही जनपद में घाटों के रख-रखाव व प्रबंधन कार्य इच्छुक व्यक्ति अथवा संस्था के माध्यम से संचालित कराये जाने की योजना है।

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