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नरक चतुर्दशी को ना भूलें हनुमान जी की पूजा, जानें क्या लाभ है हनुमान जी की पूजा से


नरक चतुर्दशी दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली के दिन मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन यमराज की पूजा करने का विधान है। यमराज को काल भी कहा जाता है क्योंकि इन्हें मृत्यु का देवता कहा जाता है। इस दिन यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु नहीं आती है और यमराज पूजा से प्रसन्न होने पर लंबी आयु का वरदान देते हैं।

रिपोर्ट  - à¤†à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ विष्णु

नरक चतुर्दशी दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली के दिन मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन यमराज की पूजा करने का विधान है। यमराज को काल भी कहा जाता है क्योंकि इन्हें मृत्यु का देवता कहा जाता है। इस दिन यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु नहीं आती है और यमराज पूजा से प्रसन्न होने पर लंबी आयु का वरदान देते हैं। अगर इस दिन आप यमराज के साथ ही हनुमान जी की पूजा करते हैं तो आपको लंबी आयु का वरदान तो मिलेगा ही मिलेगा, साथ ही साथ हनुमान जी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगे। धार्मिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि, जो व्यक्ति हनुमान जी कि पूजा करता है उसका काल यानि यमराज भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। इस नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा घर में दीपक जलाएं और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें। आप इच्छा अनुसार 1 से अधिक पाठ भी कर सकते हैं। हनुमान चालीसा के पाठ करने में कोई विशेष नियम नहीं हैं, आप हनुमान चालीसा का पाठ कभी भी और कहीं पर भी घर सकते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं और हनुमान जी प्रसन्न रहते है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया जाता है। सिंदूर और चमेली के तेल को हनुमान जी के समक्ष चढ़ाने को ही चोला चढ़ाना कहा जाता है। ॐ हं हनुमंते नमः इस मंत्र का नित्य सुबह शाम 108 बार जाप करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।

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